भाजपा के कई नेता शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे से मिल रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को गहरे संकट में डाल दिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार से बगावत कर शिंदे भाजपा शासित गुजरात में 21 पार्टी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं. उनके इस बागी रुख के बाद उद्धव ठाकरे ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. इसकी प्रतिक्रिया में एकनाथ शिंदे ने अपने ट्विटर बायो से शिवसेना शब्द हटा दिया है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि सरकार को गिराने के लिए भाजपा साजिश कर रही है. बहरहाल, इस दावे को भाजपा ने खारिज कर दिया है.
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने भाजपा विधायकों और एकनाथ शिंदे के बीच की बैठक को महत्व न देते हुए कहा कि यह मुलाकात व्यक्तिगत है और सत्तारूढ़ गठबंधन में हो रहे उथल-पुथल से इसका कोई संबंध नहीं है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पाटिल ने कहा, "महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक संजय कुटे ने शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे से सूरत में व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की. बीजेपी का मौजूदा घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है. शिंदे का फैसला बीजेपी के किसी गेम प्लान का हिस्सा नहीं है."
उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा को श्री शिंदे से सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव मिलता है, तो वे निश्चित रूप से इस पर विचार करेंगे.
बीजेपी ने दावा किया है कि 288 सदस्यों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में उसके पास 134 वोट हैं. एक विधायक की मौत के साथ यह संख्या घटकर 287 हो गई है. यदि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विधायक इस्तीफा देते हैं, तो सदन में बहुमत का आंकड़ा मौजूदा 144 से कम होकर 133 हो जाएगा. सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत 130 हो जाएगी.
हाल ही में हुए राज्यसभा और कल हुए विधान परिषद चुनावों में क्रॉस-वोटिंग के बाद महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में संकट पैदा हो गया. निस्संदेह इससे भाजपा को बड़ा फायदा हुआ है.
भाजपा ने शिवसेना के अंदरूनी संकट से खुद को दूर करते हुए दावा किया कि पार्टी के भीतर असंतोष की जानकारी उन्हें थी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, "ये बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है कि शिवसेना के कई नेता सरकार से नाखुश चल रहे हैं."
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