महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं. इन्हीं में से एक विधानसभा सीट है सतारा. यह सीट सतारा जिले के अंतर्गत आती है. इस शहर में सात किले थे, इस वजह इसका नाम सतारा पड़ा. इस विधानसभा सीट का गठन 1962 में हुआ था. इस सीट की खासियत रही कि एक विधायक को जनता के कई बार मौका दिया. गठन के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के धोंधीराम शिडोजी को जीत मिली थी. शिडोजी 1962 के बाद 1967 और 1972 में विधायक बनें. इसके बाद 1978 से लेकर 1999 तक अभयसिंह शाहुमहाराज भोसले ही इस सीट पर जीतते रहे, इस दौरान वह 1972 में जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे. 1980 में अभयसिंह ने कांग्रेस (इंदिरा) के टिकट पर चुनाव लड़ा, 1985, 90 और 95 में वह कांग्रेस के प्रत्याशी बने और 1999 में एनसीपी के उम्मीदवार रहे.
उद्धव ठाकरे बोले, 'एक शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने का वादा पूरा करूंगा'
साल 2004 से इस सीट पर एनसीपी के नेता शिवेन्द्रसिंह अभयसिंह भोसले विधायक रहे. वह भी 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. शानदार मौसम के लिए मशहूर सतारा में एनसीपी की इस पकड़ को देखते हुए विरोधी शिवेंद्रसिंह के खिलाफ खास रणनीति की तैयारी कर रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनावों में शिवेंद्रसिंह ने बीजेपी के दीपक साहेबरा को 47 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एनसीपी के इस गढ़ के खिलाफ बीजेपी और शिवसेना क्या रणनीति अपनाती है.
क्या कहते हैं रत्नागिरी विधानसभा सीट के सियासी समीकरण ?
2011 की जनगणना के अनुसार, सतारा की कुल जनसंख्या 30 लाख 4 हजार है. चारों तरफ पहाड़ियों से घिरे होने के कारण इस क्षेत्रफल की काफी ज्यादा है, यह क्षेत्र 10 हजार 480 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. सतारा का लिंग अनुपात 988 है. तो वहीं औसत साक्षरता दर 82.87 है. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 312474 है, जिनमें पुरुष मतदाता 158143 और 154330 महिला मतदाता शामिल हैं.
Video: महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर होगा मतदान और 24 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं