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Keyconstituency

'Keyconstituency' - 21 News Result(s)
  • Karnataka Election 2023: राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं एचके पाटिल, गदग सीट से आजमाएंगे किस्मत

    Karnataka Election 2023: राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं एचके पाटिल, गदग सीट से आजमाएंगे किस्मत

    karnataka assembly elections 2023: एचके पाटिल कर्नाटक सरकार में कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और जल संसाधन जैसे मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं. इन सबके अलावा वह कानून और संसदीय व्यवस्था के भी जानकार माने जाते हैं.

  • बरहेट विधानसभा सीट : हमेशा से JMM का मज़बूत गढ़ रही है संथाल क्षेत्र की यह सीट

    बरहेट विधानसभा सीट : हमेशा से JMM का मज़बूत गढ़ रही है संथाल क्षेत्र की यह सीट

    बरहेट सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Barhait Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस उम्मीदवार चौथे तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) का प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे.

  • दुमका विधानसभा सीट : JMM के 'गढ़' को पिछली बार BJP ने कर लिया था फतह

    दुमका विधानसभा सीट : JMM के 'गढ़' को पिछली बार BJP ने कर लिया था फतह

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के हेमंत सोरेन ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रत्याशी रहे थे.

  • जगन्नाथपुर विधानसभा सीट : मधु कोड़ा के बाद उनकी पत्नी गीता कोड़ा को भी दो बार बनाया है विधायक

    जगन्नाथपुर विधानसभा सीट : मधु कोड़ा के बाद उनकी पत्नी गीता कोड़ा को भी दो बार बनाया है विधायक

    जगन्नाथपुर सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Jaganathpur Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस का उम्मीदवार चौथे तथा निर्दलीय प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे. पिछले चुनाव में इस सीट के मतदाताओं में से 4,919, यानी 4.3 फीसदी ने NOTA, यानी 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प चुना था.

  • महेशपुर विधानसभा सीट : हमेशा नया विधायक भेजती रही है विधानसभा में

    महेशपुर विधानसभा सीट : हमेशा नया विधायक भेजती रही है विधानसभा में

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के मिस्त्री सोरेन ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे.

  • जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट : सरयू राय की वजह से अहम है मध्य झारखंड की यह सीट

    जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट : सरयू राय की वजह से अहम है मध्य झारखंड की यह सीट

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के बन्ना गुप्ता ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे.

  • कोलेबीरा विधानसभा सीट : एनोस एक्का का गढ़ रही है गुमला-सिंहभूम इलाके की यह ग्रामीण सीट

    कोलेबीरा विधानसभा सीट : एनोस एक्का का गढ़ रही है गुमला-सिंहभूम इलाके की यह ग्रामीण सीट

    पिछली बार वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर JP के एनोस एक्का ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 39.6 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इस सीट, यानी कोलेबीरा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Kolebira Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस का उम्मीदवार चौथे तथा ABJP का प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे.

  • जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट : हमेशा से रहा है BJP का दबदबा

    जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट : हमेशा से रहा है BJP का दबदबा

    पिछले विधानसभा चुनाव (Jamshedpur East Assembly Elections) में जमशेदपुर पूर्व सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का प्रत्याशी तीसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का उम्मीदवार चौथे तथा निर्दलीय प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे. पिछले चुनाव में इस सीट के मतदाताओं में से 1,674, यानी 1.0 फीसदी ने NOTA, यानी 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प चुना था.

  • परली विधानसभा सीट: यहां मुंडे परिवार के दो सदस्य हैं आमने-सामने 

    परली विधानसभा सीट: यहां मुंडे परिवार के दो सदस्य हैं आमने-सामने 

    कि परली विधानसभा सीट बीड लोकसभा क्षेत्र में आती है. इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रीतम गोपीनाथ राव मुंडे ने 1 लाख 68 हजार 368 मतों के अंतर से यहां से जीत दर्ज की थी.

  • येवला विधानसभा सीट : 15 साल से यहां NCP का कब्जा, क्या शिवसेना कर सकती है वापसी...?

    येवला विधानसभा सीट : 15 साल से यहां NCP का कब्जा, क्या शिवसेना कर सकती है वापसी...?

    उन्होंने इस सीट पर 2004 में शिवसेना के नेता पाटिल कल्याणराव जयावंतराव को हराया था, जिसके बाद से अब तक छगन भुजबल ही इस सीट पर विजेता रहे हैं. उन्होंने यहां पर साल 2004, 2009 और 2014 में लगातार जीत के हैट्रिक मारी थी. अब एक बार फिर छगन भुजबल ने शुक्रवार को नासिक जिले में येवला सीट से नामांकन दाखिल किया.

  • बारामती विधानसभा सीट : यहां 52 साल से पवार परिवार का है कब्जा, BJP के लिए बड़ी चुनौती

    बारामती विधानसभा सीट : यहां 52 साल से पवार परिवार का है कब्जा, BJP के लिए बड़ी चुनौती

    अजीत पवार इस सीट से एमएलए चुनते आए हैं और इस विधानसभा चुनाव में भी अजीत सिंह ने शुक्रवार को बारामती से ही नामांकन दाखिल किया. इस सीट पर साल 1967 से लेकर 1990 तक शरद पवार इस सीट से एमएलए रहे हैं, जबकि सबसे खास बात यह है कि वर्ष 1991 से लेकर अभी तक अजीत पवार यहां से विधायक हैं. यही वजह है कि इस सीट के लिए बीजेपी को बड़ा दांव खेलना होगा. फिलहाल बताते चले कि  पिछले कई सालों से बारामती विधानसभा सीट पर पवार परिवार का ही कब्जा रहा है.

  • नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट : सबसे मजबूत दावेदार हैं देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती

    नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट : सबसे मजबूत दावेदार हैं देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती

    इस सीट की बात करें तो महाराष्ट्र के नागपुर दक्षिण पश्चिमी इलाका एक गांव है, जो नागपुर संसदीय क्षेत्र में आता है. साल 2009 विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडनवीस ने कांग्रेस के उम्मीदवार विकास पांडुरंग ठाकरे को हराया था.

  • पेहोवा विधानसभा सीट : कांग्रेस, INLD का ही रहा है कब्जा, क्या BJP रच पाएगी इतिहास...?

    पेहोवा विधानसभा सीट : कांग्रेस, INLD का ही रहा है कब्जा, क्या BJP रच पाएगी इतिहास...?

    पेहोवा विधानसभा चुनाव का इतिहास रहा है कि अभी तक बीजेपी कभी भी यहां जीत नहीं पाई है. इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए हॉकी के पूर्व भारतीय कप्तान संदीप सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है.

  • यमुनानगर विधानसभा सीट : घनश्याम अरोड़ा के लिए जीत दोहरा पाना कितना मुश्किल

    यमुनानगर विधानसभा सीट : घनश्याम अरोड़ा के लिए जीत दोहरा पाना कितना मुश्किल

    2014 के विधानसभा चुनावों में घनश्याम दास ने इनेलो के दिलबाग सिंह को मात दी थी. उन्होंने 28 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. यमुनानगर विधानसभा सीट का गठन 1967 में हुआ था. पहली बार के चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस के बी दयाल विधायक बने. इस सीट पर घनश्याम अरोड़ा एक बार फिर बीजेपी की तरफ से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. 

  • सतारा विधानसभा सीट : NCP के गढ़ में क्या होगी BJP-शिवसेना गठबंधन की रणनीति

    सतारा विधानसभा सीट : NCP के गढ़ में क्या होगी BJP-शिवसेना गठबंधन की रणनीति

    साल 2004 से इस सीट पर एनसीपी के नेता शिवेन्द्रसिंह अभयसिंह भोसले विधायक रहे. वह भी 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. शानदार मौसम के लिए मशहूर सतारा में एनसीपी की इस पकड़ को देखते हुए विरोधी शिवेंद्रसिंह के खिलाफ खास रणनीति की तैयारी कर रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनावों में शिवेंद्रसिंह ने बीजेपी के दीपक साहेबरा को 47 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

'Keyconstituency' - 21 News Result(s)
  • Karnataka Election 2023: राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं एचके पाटिल, गदग सीट से आजमाएंगे किस्मत

    Karnataka Election 2023: राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं एचके पाटिल, गदग सीट से आजमाएंगे किस्मत

    karnataka assembly elections 2023: एचके पाटिल कर्नाटक सरकार में कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और जल संसाधन जैसे मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं. इन सबके अलावा वह कानून और संसदीय व्यवस्था के भी जानकार माने जाते हैं.

  • बरहेट विधानसभा सीट : हमेशा से JMM का मज़बूत गढ़ रही है संथाल क्षेत्र की यह सीट

    बरहेट विधानसभा सीट : हमेशा से JMM का मज़बूत गढ़ रही है संथाल क्षेत्र की यह सीट

    बरहेट सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Barhait Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस उम्मीदवार चौथे तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) का प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे.

  • दुमका विधानसभा सीट : JMM के 'गढ़' को पिछली बार BJP ने कर लिया था फतह

    दुमका विधानसभा सीट : JMM के 'गढ़' को पिछली बार BJP ने कर लिया था फतह

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के हेमंत सोरेन ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रत्याशी रहे थे.

  • जगन्नाथपुर विधानसभा सीट : मधु कोड़ा के बाद उनकी पत्नी गीता कोड़ा को भी दो बार बनाया है विधायक

    जगन्नाथपुर विधानसभा सीट : मधु कोड़ा के बाद उनकी पत्नी गीता कोड़ा को भी दो बार बनाया है विधायक

    जगन्नाथपुर सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Jaganathpur Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस का उम्मीदवार चौथे तथा निर्दलीय प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे. पिछले चुनाव में इस सीट के मतदाताओं में से 4,919, यानी 4.3 फीसदी ने NOTA, यानी 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प चुना था.

  • महेशपुर विधानसभा सीट : हमेशा नया विधायक भेजती रही है विधानसभा में

    महेशपुर विधानसभा सीट : हमेशा नया विधायक भेजती रही है विधानसभा में

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के मिस्त्री सोरेन ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे.

  • जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट : सरयू राय की वजह से अहम है मध्य झारखंड की यह सीट

    जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट : सरयू राय की वजह से अहम है मध्य झारखंड की यह सीट

    वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के बन्ना गुप्ता ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमशः भारतीय जनता पार्टी (BJP), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और निर्दलीय प्रत्याशी रहे थे.

  • कोलेबीरा विधानसभा सीट : एनोस एक्का का गढ़ रही है गुमला-सिंहभूम इलाके की यह ग्रामीण सीट

    कोलेबीरा विधानसभा सीट : एनोस एक्का का गढ़ रही है गुमला-सिंहभूम इलाके की यह ग्रामीण सीट

    पिछली बार वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर JP के एनोस एक्का ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 39.6 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इस सीट, यानी कोलेबीरा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव (Kolebira Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस का उम्मीदवार चौथे तथा ABJP का प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे.

  • जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट : हमेशा से रहा है BJP का दबदबा

    जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट : हमेशा से रहा है BJP का दबदबा

    पिछले विधानसभा चुनाव (Jamshedpur East Assembly Elections) में जमशेदपुर पूर्व सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार दूसरे, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) का प्रत्याशी तीसरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का उम्मीदवार चौथे तथा निर्दलीय प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे. पिछले चुनाव में इस सीट के मतदाताओं में से 1,674, यानी 1.0 फीसदी ने NOTA, यानी 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प चुना था.

  • परली विधानसभा सीट: यहां मुंडे परिवार के दो सदस्य हैं आमने-सामने 

    परली विधानसभा सीट: यहां मुंडे परिवार के दो सदस्य हैं आमने-सामने 

    कि परली विधानसभा सीट बीड लोकसभा क्षेत्र में आती है. इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रीतम गोपीनाथ राव मुंडे ने 1 लाख 68 हजार 368 मतों के अंतर से यहां से जीत दर्ज की थी.

  • येवला विधानसभा सीट : 15 साल से यहां NCP का कब्जा, क्या शिवसेना कर सकती है वापसी...?

    येवला विधानसभा सीट : 15 साल से यहां NCP का कब्जा, क्या शिवसेना कर सकती है वापसी...?

    उन्होंने इस सीट पर 2004 में शिवसेना के नेता पाटिल कल्याणराव जयावंतराव को हराया था, जिसके बाद से अब तक छगन भुजबल ही इस सीट पर विजेता रहे हैं. उन्होंने यहां पर साल 2004, 2009 और 2014 में लगातार जीत के हैट्रिक मारी थी. अब एक बार फिर छगन भुजबल ने शुक्रवार को नासिक जिले में येवला सीट से नामांकन दाखिल किया.

  • बारामती विधानसभा सीट : यहां 52 साल से पवार परिवार का है कब्जा, BJP के लिए बड़ी चुनौती

    बारामती विधानसभा सीट : यहां 52 साल से पवार परिवार का है कब्जा, BJP के लिए बड़ी चुनौती

    अजीत पवार इस सीट से एमएलए चुनते आए हैं और इस विधानसभा चुनाव में भी अजीत सिंह ने शुक्रवार को बारामती से ही नामांकन दाखिल किया. इस सीट पर साल 1967 से लेकर 1990 तक शरद पवार इस सीट से एमएलए रहे हैं, जबकि सबसे खास बात यह है कि वर्ष 1991 से लेकर अभी तक अजीत पवार यहां से विधायक हैं. यही वजह है कि इस सीट के लिए बीजेपी को बड़ा दांव खेलना होगा. फिलहाल बताते चले कि  पिछले कई सालों से बारामती विधानसभा सीट पर पवार परिवार का ही कब्जा रहा है.

  • नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट : सबसे मजबूत दावेदार हैं देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती

    नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट : सबसे मजबूत दावेदार हैं देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती

    इस सीट की बात करें तो महाराष्ट्र के नागपुर दक्षिण पश्चिमी इलाका एक गांव है, जो नागपुर संसदीय क्षेत्र में आता है. साल 2009 विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडनवीस ने कांग्रेस के उम्मीदवार विकास पांडुरंग ठाकरे को हराया था.

  • पेहोवा विधानसभा सीट : कांग्रेस, INLD का ही रहा है कब्जा, क्या BJP रच पाएगी इतिहास...?

    पेहोवा विधानसभा सीट : कांग्रेस, INLD का ही रहा है कब्जा, क्या BJP रच पाएगी इतिहास...?

    पेहोवा विधानसभा चुनाव का इतिहास रहा है कि अभी तक बीजेपी कभी भी यहां जीत नहीं पाई है. इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए हॉकी के पूर्व भारतीय कप्तान संदीप सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है.

  • यमुनानगर विधानसभा सीट : घनश्याम अरोड़ा के लिए जीत दोहरा पाना कितना मुश्किल

    यमुनानगर विधानसभा सीट : घनश्याम अरोड़ा के लिए जीत दोहरा पाना कितना मुश्किल

    2014 के विधानसभा चुनावों में घनश्याम दास ने इनेलो के दिलबाग सिंह को मात दी थी. उन्होंने 28 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. यमुनानगर विधानसभा सीट का गठन 1967 में हुआ था. पहली बार के चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस के बी दयाल विधायक बने. इस सीट पर घनश्याम अरोड़ा एक बार फिर बीजेपी की तरफ से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. 

  • सतारा विधानसभा सीट : NCP के गढ़ में क्या होगी BJP-शिवसेना गठबंधन की रणनीति

    सतारा विधानसभा सीट : NCP के गढ़ में क्या होगी BJP-शिवसेना गठबंधन की रणनीति

    साल 2004 से इस सीट पर एनसीपी के नेता शिवेन्द्रसिंह अभयसिंह भोसले विधायक रहे. वह भी 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. शानदार मौसम के लिए मशहूर सतारा में एनसीपी की इस पकड़ को देखते हुए विरोधी शिवेंद्रसिंह के खिलाफ खास रणनीति की तैयारी कर रहे हैं. 2014 के विधानसभा चुनावों में शिवेंद्रसिंह ने बीजेपी के दीपक साहेबरा को 47 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

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