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This Article is From Jul 20, 2023

महाराष्ट्र : रायगढ़ में भूस्खलन से मिट्टी में दबे 25-30 घर, अब तक 10 की मौत, 96 बचाए गए

ये दर्दनाक घटना राजगढ़ के खालापुर में हुई है.  मलबे में अभी भी कई और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

राजगढ़ में चट्टान खिसकने से बड़ा हादसा

मुंबई:

महाराष्ट्र के रायगढ़ में चट्टान खिसकने से एक बड़ा हादसा हुआ है. इस हादसे में 25-30 घरों के पत्थर और मिट्टी के नीचे दबने की आशंका जताई जा रही है. इस हादसे में अब तक 96 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है जबकि 10 लोगों की मौत हुई है. 21 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मलबे में अभी भी कई और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. ये घटना राजगढ़ के खालापुर में हुई है. 

हादसा बुधवार देर रात 12 बजे हुआ है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चट्टान और मिट्टी के खिसकने से जो घर इसकी चपेट में आए हैं उनमें कई लोग मौजूद हो सकते हैं. इलाके में बीते कुछ समय से तेज बारिश हो रही है, ऐसे में इस बारिश को ही चट्टान खिसकने की वजह माना जा  रहा है. एनडीआरएफ की टीम को इलाके में हो रही तेज बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य चलाने में भी दिक्कत हो रही है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी खालापुर में घटनास्थल के पास पहुंचे और बचावकार्य का जायजा लिया. जल्द से जल्द कैसे मलबे में दबे लोगों को निकाला जाए, इस पर मौके पर मौजूद अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं. इरसलावाडी पहाड़ी पर ऊपर दुर्गम इलाके में है. वहां तक जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है. तकरीबन 1 किलोमीटर पैदल ही जाना पड़ता है. एनडीआरएफ, नवी मुंबई दमकल और पुलिस पैदल चलकर ही घटनास्थल तक पहुंचे हैं. रात में चढ़ाई के दौरान दमकल विभाग के एक कर्मी की  मौत की भी खबर है. रात में जब लोग अपने घरों में सो रहे थे, तभी चट्टान खिसकने कई घर इसकी चपेट में आ गए.

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भूस्खलन की घटना कल रात रायगढ़ जिले के खालापुर के पास इरशालगढ़ में हुई. इस घटना में कुछ लोगों की मौत हो गई, हम उनके परिवारों के दुख में शामिल हैं.'  मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'  इस घटना के बारे में जानने के बाद मैं कल रात से ही स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं.  एनडीआरएफ की 2 टीमें तुरंत मौके पर  हैं और दो और टीमें जल्द ही पहुंच रही हैं.  भारी बारिश और अंधेरे के कारण शुरुआत में राहत कार्य में बाधा आई, लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है.  शुरुआती जानकारी के मुताबिक- यहां कुल 48 परिवार हैं. करीब 75 लोगों को निकाला गया है और अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है.  घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था की गई है.  राज्य सरकार मृतकों के वारिसों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी और घायलों का पूरा चिकित्सा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. हम स्थिति और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रख रहे हैं.' गौरतलब है कि 2014 में ऐसा ही हादसा पुणे के मालिन में हुआ था. उस हादसे में करीब 100 लोगों की मौत हुई थी.

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