महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ की सीमा के पास वांडोली गांव में गडचिरोली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में 12 माओवादियों की मौत हो गई. घटनास्थल से पुलिस ने हथियार भी जब्त किए हैं. CM एकनाथ शिंदे ने गडचिरोली पुलिस का आभार जताया है. CM शिंदे ने गडचिरोली पुलिस द्वारा की गई सफल कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक (गडचिरोली जोन), पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की तारीफ की है. उन्होंने मिशन में शामिल सभी जवानों की बहादुरी की सराहना की है.
नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली के C 60 कमांडो ने बुधवार को 12 नक्सलियों को मार गिराया. गढ़चिरौली पुलिस अधीक्षक निलोत्पल ने दावा किया है कि इस कारवाई के बाद अब उत्तर गढ़चिरौली में एक भी हथियारबंद नक्सली नहीं बचा है.
उन्होंने कहा कि पुलिस बल के इस अद्वितीय प्रदर्शन से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ाने में मदद मिलेगी. पुलिस जवानों को 51 लाख रुपए का विशेष इनाम दिया जाएगा. उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस ऑपरेशन में शामिल जवानों को 51 लाख रुपये का विशेष इनाम देने की घोषणा की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सुबह करीब 10 बजे गढ़चिरौली से एक ऑपरेशन लॉन्च किया गया. इसमें डिप्टी SP ऑप्स के नेतृत्व में 7 सी 60 पार्टियों को वंडोली गांव में छत्तीसगढ़ सीमा के पास भेजा गया, क्योंकि गांव के पास 12-15 नक्सलियों के डेरा डाले होने की विश्वसनीय जानकारी मिली थी.
दोपहर में भारी गोलीबारी शुरू हुई. देर शाम तक रुक-रुक कर 6 घंटे से अधिक समय तक जारी रही. एसपी नीलोत्पल के मुताबिक, इलाके की सर्चिंग में अब तक 12 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं. मारे गए माओवादियों में टिपागड दलम के प्रभारी डीवीसीएम लक्ष्मण अत्राम उर्फ विशाल अत्राम की पहचान की गई है.
ये है वो जाबांज C 60 कमांडो....
200 कमांडो ने अपनी जान की परवाह किए बिना घने जंगल में भारी बारिश के बीच हथियारबंद नक्सलियों से लोहा लिया. छत्तीसगढ़ सीमा के करीब वांडोली इलाके में तकरीबन 6 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए. गढ़चिरौली पुलिस की मानें तो इस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की कमर इस कदर टूट गई है कि उत्तर गढ़चिरौली में उनका अब एक भी हथियारबंद नक्सली नहीं बचा है.
क्या है C 60 कमांडो?
C 60 कमांडो टीम का गठन 1990 में हुआ था. जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के पी रघुवंशी ने तब नक्सलियों से लड़ने के लिए सामान्य पुलिस से अलग एक कमांडो दल बनाया. उस पहली टीम में 60 कमांडो थे. इसलिए उसे नाम दिया गया C 60. इतने सालों में कमांडो की संख्या बढ़कर सैकड़ों में हो गई. लेकिन नाम C 60 ही बना रहा.
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