प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाज़ी मामले में अपराध की आय से कमाए गए 580 करोड़ रुपये फ़्रीज़ किये हैं. इसके अलावा छापेमारी के दौरान 1.86 करोड़ रुपये कैश और 1.78 करोड़ की क़ीमती चीजें ज़ब्त की गई हैं. ये छापेमारी हाल ही में ईडी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, रायपुर, इंदौर और गुरुग्राम में की थी. ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से अर्जित अनुमानित आय लगभग 6000 करोड़ रुपये है.
ऐसे चल रहा था ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का खेल
छतीसगढ़ पुलिस की एफआईआर पर ईडी ने अपनी तफ्तीश शुरू की इसके अलावा विशाखापटनम पुलिस और कुछ अन्य राज्यों की पुलिस ने भी महादेव ऐप के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसे भी ED ने रिकॉर्ड पर लिया था. जांच में पता चला की महादेव ऐप दुबई से चलाई जा रही थी, जिसके कई देशों में अलग अलग नाम से फ्रेंचाइजी 70 से 30 परसेंट प्रॉफिट मार्जिन पर दी गई थी. महादेव ऐप के प्रमोटर कुछ अन्य बेटिंग ऐप जैसे रेडी अन्ना फेयर प्ले व अन्य एप में भी पार्टनर थे. इन ऐप के जरिये होने वाली कमाई को फर्जी बैंक अकाउंट और हवाला के जरिये एक से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा था. जांच के दौरान यह पता चला की कोलकाता का रहने वाला एक बड़ा हवाला कारोबारी हरि शंकर TIBERWAL जो की दुबई में रहकर महादेव एप के प्रमोटर के साथ इस धंधे को आगे बढ़ा रहा है.
स्टॉक मार्केट में लगाया जा रहा था सट्टेबाजी का पैसा
इस जानकारी के बाद ईडी ने हरी शंकर के ठिकानों और उसके करीबियों पर रेड्स की जिसमें पता चला की ये खुद स्काई एक्सचेंज के नाम से अपनी एक बैटिंग ऐप भी चला रहा था. इस बेटिंग ऐप से होने वाली कमाई को इंडियन स्टॉक मार्किट में FPI रूट्स से इन्वेस्ट कर रहा था. इसके अलावा इसने अपने कई साथियों को फर्जी कंपनी में डायरेक्टर और कर्मचारी दिखा रखा था, जिनके जरिये स्टॉक मार्केट में पैसे इन्वेस्ट कर रहा था. ईडी ने हरी शंकर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 580.78 करोड़ को PMLA के तहत फ्रीज कर दिया है.
कुल 15 परिसरों पर छापेमारी...
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी केस में कथित तौर पर कई उच्च पदस्थ राजनेता और छत्तीसगढ़ के नौकरशाह शामिल हैं. अधिकारियों के मुताबिक, साल्ट लेक में एक व्यवसायी के आवास और कार्यालय सहित राज्य में छह स्थानों पर छापेमारी की गई. प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले की जांच के तहत मुंबई, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-एनसीआर में कुल 15 परिसरों पर पिछले दिनों छापेमारी की गई थी. इस मामले में ईडी ने अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.
ईडी ने पहले कहा था कि ऐप द्वारा अर्जित कथित अवैध धन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में राजनेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देने के लिए किया गया था. ऐप के मुख्य प्रवर्तक और संचालक छत्तीसगढ़ के ही हैं. एजेंसी कई मशहूर हस्तियों और बॉलीवुड अभिनेताओं को ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच के साथ उनके संबंधों के मामले में पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है.
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