गुरु मां साध्वी संजनानंद गिरि श्रीपंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की महामंडलेश्वर हैं. निरंजनी अखाड़े के सभी साधुओं के साथ महाकुंभ में पहुंची संजनानंद गिरी ने भी पहले अमृत स्नान के दिन संगम में डुबकी लगाई. बता दें कि अगस्त 2022 में पंचपरमेश्वर की अध्यक्षता व निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशनंद गिरि महाराज, सचिव एंव अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महराज संत-महंतों की उपस्थिति में साध्वी संजनानंद का पट्टाभिषेक किया गया था. इसके बाद पूजा अर्चना, तिलक चादर और माल्यार्ण कर उन्हें महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया था.
साध्वी संजनानंद गिरि से जुड़ी कुछ खास बातें -
- साध्वी संजनानंद गिरि, गुवाहाटी के मां कामाख्या मंदिर की साधिका हैं.
- श्री निरंजनी में उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि, मायापुर स्थित पंचायती अखाड़ा में दी गई है.
- इस दौरान उन्हें अखाड़े के मुखिया रविंद्र पूरी जी महाराज ने भी दीक्षा दी थी.
- महामंडलेश्वर बनने के बाद साध्वी संजनानंद गिरि ने कहा था कि सनातन धर्म और हिंदू समाज के प्रति अब उनकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है.
बता दें कि अखाड़ों में महामंडलेश्वर का पद सबसे बड़ा होता है. ऐसे में महामंडलेश्वर बनने के लिए वेदांत की शिक्षा आना बेहद अहम होती है.
आज है महाकुंभ का पहला अमृत स्नान
देशभर में आज मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) की धूम है. इस खास मौके पर संगम तट पर महाकुंभ का शाही या अमृत स्नान (Mahakumbh Amriit Snan) चल रहा है. महाकुंभ का आज पहला अमृत स्नान है. इसकी शुरुआत श्री पंचायाती अखाड़ा महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़े के संगम में आस्था की डुबकी लगाने के साथ हुई. दोनों ही अखाड़ों के साधु-संत मंगलवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर संगम घाट पर पहुंच गए थे. सबसे पहले उन्होंने ही स्नान किया. हर अखाड़े के लिए 40-40 मिनट तय किया गया है.
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