धर्म की नगरी प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े सालाना धार्मिक मेले की शुरुआत आज मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो गई है. मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ आज से प्रयागराज में माघ मेला शुरू हो गया. गंगा स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही तिल गुड़ व जौ इत्यादि का दान भी किया जा रहा है.
लगभग 55 दिनों तक चलने वाले माघ मेले के लिए संगम की रेती पर तंबुओं का अलग शहर आबाद किया गया है. यूपी की योगी सरकार इस बार के माघ मेले को साल भर बाद आयोजित होने वाले कुंभ के रिहर्सल के तौर पर आयोजित कर रही है. इसी के मद्देनजर आस्था के इस मेले का स्वरूप इस बार न सिर्फ बढ़ाया गया है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत कई नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं.
माघ मेले में 100 किलोमीटर के दायरे में ‘चकर्ड प्लेटें' बिछाई जा गई हैं तथा जलापूर्ति के लिए 200 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई गई है एवं 18,000 से अधिक ‘स्ट्रीट लाइटें' लगाई गई हैं. चिकित्सालय की भी व्यवस्था की गई है और 8,000 फुट से अधिक के स्नान घाट विशेष रूप से तैयार किया गया है.
माघ मेले का प्रथम स्नान आज मकर संक्रांति पर हो रहा है, जबकि दूसरा स्नान पौष पूर्णिमा का होगा जो 25 जनवरी को पड़ेगा और इस दिन से यहां कल्पवास प्रारम्भ होगा. तीसरा स्नान पर्व नौ फरवरी को मौनी अमावस्या का होगा, जबकि बसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को चौथा स्नान पर्व और माघी पूर्णिमा के दिन 24 फरवरी को पांचवां स्नान पर्व और महाशिवरात्रि के दिन आठ मार्च को छठा स्नान पर्व होगा। ये मुख्य छह स्नान पर्व होंगे.
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