शंकराचार्यों पर टिप्पणी के लिए राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए: उद्धव ठाकरे 

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि भाजपा को राणे द्वारा शंकराचार्यों के खिलाफ की गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के लिए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.

शंकराचार्यों पर टिप्पणी के लिए राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए: उद्धव ठाकरे 

ठाकरे ने भाजपा से नारायण राणे की टिप्‍पणियों के लिए माफी मांगने की मांग की है. (फाइल)

खास बातें

  • शिवसेना (यूबीटी) ने नारायण राणे की मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग की है
  • उद्धव ठाकरे ने राणे की टिप्पणियों के लिए भाजपा से माफी की मांग की है
  • वहीं संजय राऊत ने कहा कि राणे ने हिंदू धर्म का अपमान किया है
मुंबई:

शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदू धर्म के प्रति शंकराचार्यों (Shankaracharyas) के ‘योगदान' पर सवाल उठाने के लिए नारायण राणे (Narayan Rane) को नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है.उद्धव ठाकरे (Uddhav Thacerkay) के नेतृत्व वाली पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मांग की है कि वह अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राणे की टिप्पणियों के लिए माफी मांगे. शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी कांग्रेस ने रविवार को राणे के खिलाफ मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. पालघर में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए राणे ने कहा था कि शंकराचार्यों को कुछ पहलुओं की आलोचना करने के बजाय राम मंदिर को आशीर्वाद देना चाहिए. राणे ने शंकराचार्यों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को ‘राजनीतिक चश्मे' से देखने का आरोप लगाया था.

राणे ने कहा था, ‘‘अब तक इसे कोई नहीं कर सका. मोदी और भाजपा ने इसे आगे बढ़ाया और मंदिर बनाया जा रहा है. उन्हें मंदिर को आशीर्वाद देना चाहिए या इसकी आलोचना करनी चाहिए? इसका मतलब है कि शंकराचार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं. यह मंदिर राजनीति के आधार पर नहीं बल्कि धर्म के आधार पर बना है, राम हमारे भगवान हैं.''

उन्होंने कहा था, ‘‘शंकराचार्यों को बताना चाहिए कि हिंदू धर्म के प्रति उनका योगदान क्या है.''

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को राणे द्वारा शंकराचार्यों के खिलाफ की गई ‘अपमानजनक' टिप्पणियों के लिए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह भी मांग की कि भाजपा राणे को पार्टी से निष्कासित करे.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राणे ने शंकराचार्यों के योगदान पर सवाल उठाकर हिंदू धर्म का अपमान किया है.

राउत ने कहा, ‘‘भाजपा को 22 जनवरी (जब अयोध्या में राम मंदिर में प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा) से पहले माफी मांगनी चाहिए. हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें.''

शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि राणे की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देना भाजपा का काम है.

दो शंकराचार्यों ने किया है स्‍वागत : विहिप 

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि चार में से दो शंकराचार्यों ने आगामी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का ‘खुले तौर पर स्वागत' किया है, लेकिन उनमें से कोई भी अयोध्या में होने वाले भव्य कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि वे बाद में ‘अपनी सुविधा के अनुसार' राम मंदिर का दौरा करेंगे.

विपक्षी दलों के निशाने पर भाजपा 

कर्नाटक स्थित श्री श्रृंगेरी शारदा पीठ, गुजरात स्थित द्वारका शारदा पीठ, उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्पीठ और ओडिशा स्थित गोवर्धन पीठ के शंकराचार्यों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लेने की खबरों को लेकर विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं.

ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कथित तौर पर कहा था कि इस स्तर पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह करना सही नहीं होगा क्योंकि निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)