भोपाल:
मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के घर लोकायुक्त के छापे जारी हैं। उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की एक टीम ने बीके सिंह नाम के एक फॉरेस्ट ऑफिसर के भोपाल और उज्जैन स्थित घरों पर छापे मारे।
आरंभिक जानकारी के मुताबिक इस छापेमारी में फॉरेस्ट ऑफिसर के पास 45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है। पुलिस को बीके सिंह के पास मध्य प्रदेश के सीहोर, बुधनी और उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 400 बीघा जमीन के कागजात मिले हैं।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में ही मैरिज गार्डन के अलावा 10,000 स्क्वायर फीट का मकान, वाराणसी में होटल इन्वेस्टमेंट, सीहोर में फार्म हाउस और अन्य संपत्तियों के कागजात भी मिले हैं। पुलिस को इनके दोनों घरों से सात लाख रुपये कैश और लाखों के गहने भी मिले हैं।
राज्य के सरकारी अफसरों के पास करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति मिलने का यह पहला मामला नहीं है। बीते दो सालों में लोकायुक्त के दर्जनों छापों के दौरान कई सौ करोड़ की काली कमाई का खुलासा हो चुका है।
मंगलवार को भोपाल में बिजली विभाग के एक क्लर्क के पास 40 करोड़ की संपत्ति मिली थी। अर्जुन दास लालवाणी नाम के इस क्लर्क के यहां छापे में चार मकान, 12 दुकानें और जमीनों के कागजात मिले। साथ ही 60 लाख रुपये के निवेश के दस्तावेज भी बरामद हुए।
पिछले साल दिसंबर में उज्जैन बिजली विभाग के सहायक इंजीनियर आरएल शर्मा के घर भी लोकायुक्त के छापे में पांच से सात करोड़ की संपत्ति मिली थी और इसके अलावा उनके पास कई प्लॉट, घर, विदेशी मुद्रा और 20 से ज्यादा बैंकों में खाते होने की जानकारी हासिल हुई थी।
नवंबर में डीआईजी (जेल) उमेश गांधी और जेल विभाग में ही बतौर कॉन्सटेबल काम कर रहे उनके भाई अजय गांधी के घर पड़े छापों में 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सामने आई थी।
लेकिन राज्य के इतिहास में काली कमाई का सबसे बड़ा खुलासा कुछ साल पहले एक आईएएस दंपति के यहां छापों से हुआ था। आयकर विभाग ने अरविंद जोशी और टीनू जोशी के पास 360 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता लगाया था। दोनों ने जमीन और रीयल इस्टेट से लेकर शेयर बाजार तक में काफी पैसा लगाया था।
आरंभिक जानकारी के मुताबिक इस छापेमारी में फॉरेस्ट ऑफिसर के पास 45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है। पुलिस को बीके सिंह के पास मध्य प्रदेश के सीहोर, बुधनी और उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 400 बीघा जमीन के कागजात मिले हैं।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में ही मैरिज गार्डन के अलावा 10,000 स्क्वायर फीट का मकान, वाराणसी में होटल इन्वेस्टमेंट, सीहोर में फार्म हाउस और अन्य संपत्तियों के कागजात भी मिले हैं। पुलिस को इनके दोनों घरों से सात लाख रुपये कैश और लाखों के गहने भी मिले हैं।
राज्य के सरकारी अफसरों के पास करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति मिलने का यह पहला मामला नहीं है। बीते दो सालों में लोकायुक्त के दर्जनों छापों के दौरान कई सौ करोड़ की काली कमाई का खुलासा हो चुका है।
मंगलवार को भोपाल में बिजली विभाग के एक क्लर्क के पास 40 करोड़ की संपत्ति मिली थी। अर्जुन दास लालवाणी नाम के इस क्लर्क के यहां छापे में चार मकान, 12 दुकानें और जमीनों के कागजात मिले। साथ ही 60 लाख रुपये के निवेश के दस्तावेज भी बरामद हुए।
पिछले साल दिसंबर में उज्जैन बिजली विभाग के सहायक इंजीनियर आरएल शर्मा के घर भी लोकायुक्त के छापे में पांच से सात करोड़ की संपत्ति मिली थी और इसके अलावा उनके पास कई प्लॉट, घर, विदेशी मुद्रा और 20 से ज्यादा बैंकों में खाते होने की जानकारी हासिल हुई थी।
नवंबर में डीआईजी (जेल) उमेश गांधी और जेल विभाग में ही बतौर कॉन्सटेबल काम कर रहे उनके भाई अजय गांधी के घर पड़े छापों में 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सामने आई थी।
लेकिन राज्य के इतिहास में काली कमाई का सबसे बड़ा खुलासा कुछ साल पहले एक आईएएस दंपति के यहां छापों से हुआ था। आयकर विभाग ने अरविंद जोशी और टीनू जोशी के पास 360 करोड़ से अधिक की संपत्ति का पता लगाया था। दोनों ने जमीन और रीयल इस्टेट से लेकर शेयर बाजार तक में काफी पैसा लगाया था।
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