इंदौर:
लोकायुक्त पुलिस ने पिछले 10 साल के दौरान मारे गए छापों में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों की शक्ल में जब्त करीब 1.61 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश के मुताबिक सावधि जमा (एफडी) योजना के रूप में बैंक में जमा करा दी है.
लोकायुक्त पुलिस की इंदौर इकाई के उपाधीक्षक (डीएसपी) बीएस परिहार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले एक दशक के दौरान भ्रष्टाचार के 30 मामलों में सरकारी कारिंदों के ठिकानों पर मारे गए छापों में जब्त कुल 1,61,56,000 रुपये की नकदी की एक राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग-अलग एफडी कराई गई हैं.
उन्होंने बताया कि यह नकदी 500 और 1,000 रुपये के उन पुराने नोटों के रूप में है, जो सरकार की 8 नवंबर की नोटबंदी की घोषणा के चलते अब वैध मुद्रा नहीं रह गए हैं. हाईकोर्ट के एक आदेश के मुताबिक एफडी कराने के लिए इस नकदी को सरकारी कोषालय से पिछले 10 दिन में निकाला गया.
डीएसपी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार के मामलों में मारे गए छापों में जो नकदी जब्त करती है, उसे सरकारी कोषालय में जमा कर देती है. इन मामलों में अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाते वक्त तय करती है कि यह नकदी किसे सौंपी जाए.
हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में 19 दिसंबर को आदेश दिया था कि भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक मामलों में जब्त 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नोटबंदी के मद्देनज़र 30 दिसंबर तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में सावधि जमा (एफडी) योजना के तहत जमा करा दिया जाए.
लोकायुक्त पुलिस की इंदौर इकाई के उपाधीक्षक (डीएसपी) बीएस परिहार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले एक दशक के दौरान भ्रष्टाचार के 30 मामलों में सरकारी कारिंदों के ठिकानों पर मारे गए छापों में जब्त कुल 1,61,56,000 रुपये की नकदी की एक राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग-अलग एफडी कराई गई हैं.
उन्होंने बताया कि यह नकदी 500 और 1,000 रुपये के उन पुराने नोटों के रूप में है, जो सरकार की 8 नवंबर की नोटबंदी की घोषणा के चलते अब वैध मुद्रा नहीं रह गए हैं. हाईकोर्ट के एक आदेश के मुताबिक एफडी कराने के लिए इस नकदी को सरकारी कोषालय से पिछले 10 दिन में निकाला गया.
डीएसपी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस भ्रष्टाचार के मामलों में मारे गए छापों में जो नकदी जब्त करती है, उसे सरकारी कोषालय में जमा कर देती है. इन मामलों में अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाते वक्त तय करती है कि यह नकदी किसे सौंपी जाए.
हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में 19 दिसंबर को आदेश दिया था कि भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक मामलों में जब्त 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को नोटबंदी के मद्देनज़र 30 दिसंबर तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में सावधि जमा (एफडी) योजना के तहत जमा करा दिया जाए.
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