मध्यप्रदेश के धार ज़िले की धर्मपुरी तहसील में कारम नदी पर मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत बनाए जा रहे बांध में लीकेज के बाद पानी का रिसाव बढ़ता जा रहा है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, बांध के दाहिने तरफ के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी स्लिप हो जाने से बांध को ख़तरा हो गया है. और यह स्थिति शुक्रवार सबेरे बनी है. मिट्टी से बनी बांध की दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया. इस बांध की लम्बाई ५९० मीटर और ऊँचाई ५२ मीटर है और वर्तमान में १५ MCM पानी बांध में जमा है.
मौके की नजाकत देखते हुए इलाके के तमाम वरिष्ठ अधिकारी बांध के आसपास कैम्प लगाए हुए हैं. ऐहतियातन धार ज़िले के १२ गाँव और खरगोन ज़िले के ६ गाँवों को ख़ाली कराके सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में शिफ़्ट कर दिया गया है. NDRF की टीम और SDERF धार और इंदौर की टीम मौके पर बचाव कार्य के लिए तैयार है.
Authorities in Dhar have directed people residing in 12 villages to vacate their houses and 6 villages in Khargone and move to safety after it was found that the seepage of water from an under-construction dam has increased @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/4SQ5P92mWK
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 12, 2022
इतना ही नहीं, एयरफोर्स के २ हेलिकॉप्टर और आर्मी की एक कम्पनी को स्टैंज-बाई पर रखा गया है जो जरूरत पड़ने पर इलाके की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं. जल संसाधन विभाग द्वारा बांध को सुरक्षित रखे जाने के लिए कार्य किया जा रहा है. उधर, इंदौर और भोपाल से विशेषज्ञों की टीम डैम का मुआयना करने पहुंच गई है. पानी निकालने के लिए डैम के गेट को खोलने की तैयारी की जा रही है. साथ ही मरम्मत का काम भी जोर-शोर से चल रहा है.
धार के कारम डैम साइट के लिए आर्मी के 200 जवान रवाना हो गए हैं. NDRF DG द्वारा ACS home को अवगत कराया गया है कि NDRF की 3 अतिरिक्त टीम बचाव सामग्री के साथ दिल्ली से धमनोद के लिए रवाना की जा रही हैं. प्रत्येक NDRF टीम में 30-35 प्रशिक्षित बचाव कर्मी हैं. SDERF के 8 अतिरिक्त दल भी प्रदेश के अन्य जिलों से और भोपाल से DG HG रिजर्व से रवाना कर दिए गए हैं. एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर अभी स्टैंडबॉय पर रखे हैं. इंदौर संभाग और धार जिले के सभी सम्बंधित उच्च अधिकारी रात में धमनोद और डैम साइट पर ही रुकेंगे और बचाव कार्य की लगातार निगरानी करेंगे.
धार जिले में कारम नदी पर 304.44 करोड़ की लागत से डैम बनाया जा रहा है. इश परियोजना पर पिछले चार वर्षों से काम चल रहा है.
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