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This Article is From Apr 23, 2024

Exclusive: MP में शिव के साथ राम-कृष्ण भी : CM मोहन यादव ने NDTV पर बताया धार्मिक पर्यटन का रोडमैप

सीएम मोहन यादव (MP CM Mohan Yadav) ने कहा, "महाकाल के महालोक (Mahakal Lok) के बाद से ओरछा या चित्रकूट में भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं. भगवान राम और कृष्ण की जहां जहां लीलाएं हुईं हैं, उन प्रत्येक स्थान को हम तीर्थ बना रहे हैं."

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव का NDTV पर खास इंटरव्यू.

भोपाल:

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) से एक्सक्लूसिव बातचीत की.इस दौरान उन्होंने धार्मिक टूरिज्म को लेकर सीएम मोहन यादव से सवाल पूछा.महाकाल लोक के बनारस का मुकाबला करने पर सवाल पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि बनारस से दोगुने दर्शनार्थी महाकाल के दर्शन के लिए मध्य प्रदेश पहुंच रहे हैं. भगवान कृष्ण और शंकर में से किसे चुनने के सवाल पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि चित्रकूट भी हमारे यहां है. जिस तरह से आज के दौर में अयोध्या पर पूरा फोकस किया गया, वैसे ही सभी धार्मिक पर्यटन को साथ में लेकर चलने की कोशिश की जा रही है. इस पर समान रूप से काम किया जा रहा है.

राम,कृष्ण की लीलाएं वाली जगह बनेंगी तीर्थ

मध्य प्रदेश में जहां-जहां भगवान राम और कृष्ण की लीलाएं हुई हैं, हर उस स्थान को तीर्थ बनाने की तैयारी की जा रही है. हर वो जगह, जहां महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जैसे कि पीताबंरा, बंगलामुखी माता का मंदिर, ओरछा के राजा राम का मंदिर, सलकनपुर माता मंदिर, कटनी माता का मंदिर, मंदिरों के लिए सिर्फ धर्मस्व मंत्रालय ही विचार न करे, इसके अलावा दो मंदिरों के लिए घोषणा की गई है.  चित्रकूट में विकास प्राधिकरण बना दिया गया है, जो वहां के विकास के कामकाज को देखेगा. इसी आधार पर पैकेज की व्यवस्था भी की गई है. 

सिर्फ मंदिर के अंदर विकास से काम नहीं चलेगा

सीएम मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन समेत पूरे प्रदेश के भीतर बड़े मंदिर, जो शासकीय हैं, लेकिन गांव या शहर में हैं. पांच मंदिरों के मंत्रिमंडल की उपसमित बनाई गई है. सिर्फ मंदिर के भीतर निर्माण कार्य से काम नहीं चलेगा, बल्कि मंदिर के बाहर सड़क और बिजली के विकास की भी जरूरत है. नगर निहम और स्थानीय शासन विभाग को इससे जोड़ा जा रहा है. मंदिर का रेवेन्यू कैसे बढ़ सकता है, दिस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

2 से 4 साल में सारी मूर्तियां होंगी रिप्लेस

आने वाले 25 सालों में हमारे तीर्थ स्थान जनचेतना का केंद्र बनेंगे. इसीलिए हर साल उसके मेले आयोजित कराने, हर त्योहार को अच्छी तरह मनाना, पूजा पद्धति में शुद्ध उच्चारण की ट्रेनिंग कराने आदि पर फोकस किया जा रहा है. इसका असर आने वाले समय में दिखेगा.सीएम मोहन यादव ने कहा, "महाकाल के महालोक में बड़े पैमाने पर भक्त आ रहे हैं. लेकिन यहां फाइबर रीइन्फोर्स प्लास्टिक (FRP) से बनी मूर्तियां लग गईं. कोई मंदिर में FRP की प्रतिमा नहीं लगनी चाहिए. इसे बदलने के लिए हमने मूर्ति शिल्पकार का वर्कशॉप लगा दिया. 2 से 4 साल में हम सारी मूर्तियां रिप्लेस कर देंगे." उन्होंने कहा, "मूर्ति शिल्प सिर्फ जयपुर में ही क्यों निर्भर होना चाहिए. हम इसे अपने यहां क्यों न डेवलप करें." 

धार्मिक पर्यटन के साथ रोजगार पर भी फोकस

सीएम मोहन यादव ने कहा, "महाकाल के महालोक के बाद से ओरछा या चित्रकूट में भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं. भगवान राम और कृष्ण की जहां जहां लीलाएं हुईं हैं, उन प्रत्येक स्थान को हम तीर्थ बना रहे हैं." सीएम मोहन यादव ने कहा, "हमारा फोकस धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ उसमें भी रोजगार के मौके तलाशना है. जैसे भगवान के वस्त्र बनाना. उनके आभूषण (ज्वेलरी) बनाना. इसी तरह के धार्मिक पर्यटन से जुड़े शिल्प में रोजगार जोड़ने पर हमारा फोकस है."

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