New Delhi:
रूस में गीता को उग्रवादी साहित्य बताकर अदालत द्वारा प्रतिबंधित कराने की मुहिम पर लोकसभा में सभी दलों के सदस्यों ने भारी आक्रोश जताते हुए इस संबंध में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। बीजद के भृतुहरि महताब द्वारा शून्य काल में यह मुद्दा उठाए जाने पर भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, राजद के लालू प्रसाद यादव, सपा के मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस के इजया राज सिंह और शिवसेना के चंद्रकांत खरे सहित लगभग सभी दलों के सदस्यों ने रूस में चलाई जा रही इस मुहिम पर सख्त आपत्ति जताई। सदस्यों द्वारा रोष प्रकट किए जाने के दौरान लालू प्रसाद बीच-बीच में बोलो कृष्ण भगवान की जय का उद्घोष करते रहे और सदस्यों ने भी इस उद्घोष में एक स्वर से उनका साथ दिया। लालू ने गीता के विरूद्ध रूस में चलाई जा रही मुहिम को दुष्टता भरी साजिश करार दिया और सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की। महताब ने कहा कि रूस के साइबेरिया में तोम्स्क की अदालत में इस्कान के संस्थापक एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा लिखित भगवत गीता यथारूप के रूसी अनुवाद पर प्रतिबंध लगाने के लिए जून से ही मामला चल रहा है और इस मामले में अदालत द्वारा सोमवार को फैसला दिया जाना है। उन्होंने कहा कि वहां इस आरोप के साथ गीता पर प्रतिबंध लगाने की बात कही जा रही है कि यह उग्रवादी साहित्य है। महताब ने कहा कि इस बारे में रूस के एक विश्वविद्यालय तोम्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी के एक विशेषज्ञ की राय मांगी गई है, जबकि इस विश्वविद्यालय में भारत संबंधी विषय पढ़ाए ही नहीं जाते हैं।