Lok Sabha Elections 2024: राजधानी चंडीगढ़ से करीब 225 किलोमीटर दूर है बठिंडा. बठिंडा (Bathinda Seat) से 40 किलोमीटर दूर हरियाणा है और दूसरी तरफ 50 किलोमीटर दूर राजस्थान का हनुमान गढ़ जिला शुरू हो जाता है. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में बठिंडा सीट राजनीतिक दृष्टि से भी काफी अहम रही है. ये सीट बादल परिवार का गढ़ रह है. बता दें कि 1991 में कांग्रेस यहां से जीती थी, लेकिन उसके बाद से ही लगातार इस सीट पर अकाली दल का प्रभाव रहा है. 1999 में एक बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के भान सिंह भूरा यहां से जीते जबकि इस दौरान भी कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. 2009 के आम चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.
2009 के आम चुनाव में हरसिमरत कौर ने युवराज रनिंदर सिंह (अमरिंदर सिंह के बेटे) को हराया था. 2014 में उन्होंने मनप्रीत सिंह बादल को हराया. 2019 में अमरिंदर सिंह राजा वारिंग भी हरसिमरत कौर बादल से हार गए थे. अब 2024 में यहां से कड़ी टक्कर हो सकती है. आम आदमी पार्टी पंजाब की 13 की 13 सीटों पर जीत हासिल करने की जुगत में लगी है. वहीं बीजेपी का मोदी फैक्टर भी यहां कितना काम करेगा ये देखना दिलचस्प होगा.
यहीं के किले बंदी थी रजिया सुल्तान
बठिंडा पंजाब का बहुत पुराना शहर है. यहां का ईंटों का बना किला मुबारक भी काफी प्रसिद्ध है. यह भारत के सबसे पुराने किलों में से एक है. इसी क़िले में रज़िया सुल्तान को उनकी पराजय के बाद बंदी बनाकर रखा गया था. इस क़िले में कुषाण काल की ईटें पाई गई हैं. जब सम्राट कनिष्ट भारत व मध्य एशिया के कई भागों पर राज किया था. माना जाता है कि इस किले का निर्माण कनिष्क और राजा दाब ने करवाया था. यहां की बठिंडा झील, लखी जंगल और रोज गार्डन काफी फेमस है.
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