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This Article is From May 03, 2024

KYC InfoGraphics: कांग्रेस का है रायबरेली पर 26 साल से 'कब्जा', इस बार क्या BJP बदल पाएगी इतिहास ? 

कांग्रेस ने इस बार रायबरेली से राहुल गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले उनकी मां सोनिया गांधी यहां से सांसद रही हैं. इस बार राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से है.

नई दिल्ली:

Lok Sabha Elections 2024 को लेकर NDTV INDIA लेकर आया है KYC यानी Know Your Constituency सीरीज. इस सीरीज में आज बात होगी कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले रायबरेली की. वही रायबरेली जिसपर बीते 25 सालों से कांग्रेस का कब्जा है.रायबरेली (Raebareli Lok Sabha Seat) की मौजूदा सांसद हैं सोनिया गांधी (Sonia Gandhi). लेकिन इस बार पार्टी ने इस सीट से राहुल गांधी को मैदान में उतारा है. राहुल गांधी के सामने होंगे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह. राहुल गांधी के लिए यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है. राजनीति से जुड़े जानकार मान रहे हैं कि राहुल गांधी मां सोनिया गांधी की 'विरासत' को संभालने के लिए अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं. 

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1952 से लेकर 2019 तक के रायबरेली के चुनावी इतिहास में ऐसा सिर्फ तीन बार ही हुआ है जब कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा हो. बीते छह आम चुनाव में कांग्रेस (congress) को यहां से लगातार जीत हासिल हुई है. इसकी शुरुआत 1999 में कांग्रेस उम्मीदवार सतीश शर्मा (Satish Sharma) की जीत से हुई थी.

इसके बाद 2004 से लेकर अब तक सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) यहां से सांसद रही हैं. अगर बात इस सीट के चुनावी इतिहास की करें तो रायबरेली में सबसे पहली बार चुनाव 1952 में कराए गए थे. और तब यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार फिरोज गांधी सांसद चुने गए थे. फिरोज गांधी 1957 में भी यहां से सांसद रहे. 

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बात अगर 1960 और 1962 में हुए चुनाव की करें तो इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा था. 1960 के चुनाव में यहां से आर पी सिंह जबकि 1962 में बैजनाथ कुरील यहां से सांसद बने.1967 और 1971 के आम चुनाव की बात करें तो इस सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार इंदिरा गांधी जीतकर संसद पहुंची थी. 

जबकि 1977 में पहली बार कांग्रेस को यहां हार का सामना पड़ा था. उस दौरान जनता पार्टी के राज नारायण जीतकर संसद पहुंचे थे.कांग्रेस की हार के पीछे आपातकाल के दौरान सरकार द्वारा की गई सख्ती को बताया जाता है.वहीं 1980 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की. और इंदिरा गांधी यहां से फिर संसद पहुंचीं. 1980 से लेकर 1991 तक हुए चार बार आम चुनाव में भी यह सीट कांग्रेस के पास ही रही. 

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भारतीय जनता पार्टी को 1996 में पहली बार कांग्रेस के इस 'किले' को फतेह करने में सफलता हासिल हुई. 1996 में बीजेपी के अशोक सिंह यहां से सांसद बने, 1998 में भी अशोक सिंह ही यहां से संसद पहुंचे.लेकिन 1999 में हुए आम चुनाव में एक बार फिर ये सीट कांग्रेस के पास पहुंच गई. और यहां से सांसद चुने गए सतीश शर्मा. इसके बाद 2004, 2006, 2009, 2014 और 2019 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी को यहां से जीत हासिल हुई है. 

रायबरेली लोकसभा सीट में कुल पांच विधानसक्षा क्षेत्र आते हैं. इनमें शामिल हैं  बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार. रायबरेली की कुल आबादी का 11 फीसदी आबादी शहरी है. जबकी ग्रामीण आबादी 89 फीसदी है. रायबरेली की कुल आबादी में 90 फीसदी हिन्दू हैं. जबकि मुस्लिमों की कुल आबादी 5 फिसदी, जबकि अन्य 5 फीसदी में अन्य धर्म के लोग आते हैं. 

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क्या रहा है बीते पांच चुनाव में वोट प्रतिशत

बात अगर 2004 के आम चुनाव की करें तो यहां 58.8 फीसदी वोट डाले गए थे. जबकि 2006 के चुनाव में वोट का प्रतिशत 80.5 फीसदी था. वहीं 2009 में 72.2 फीसदी, 2014 63.8 फीसदी और 2019 में मतदान का प्रतिशत 55.8 फीसदी रहा.

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