- संसद का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया, सत्र में मनरेगा का नाम बदलने वाला बिल हुआ पास
- सत्र की समाप्ति के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दी चाय पार्टी
- इस पार्टी में पीएम नरेंद्र मोदी, प्रियंका गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के नेता हुए शामिल
संसद के शीतकालीन सत्र में टकराव के बाद सत्र के समापन पर लोक सभा अध्यक्ष की चाय पार्टी में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच गर्मजोशी देखने को मिली. पिछली बार की तुलना में इस बार विपक्ष के सभी प्रमुख सदस्यों ने चाय पार्टी में हिस्सा लिया. पिछले सत्र में विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया था. राहुल गांधी की ग़ैरमौजूदगी में कांग्रेस की नुमाइंदगी उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने की. वहीं तीन देशों के बेहद व्यस्त कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज उपस्थित रहे.
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स्पीकर की चाय पार्टी एक परंपरा है. हर सत्र के समापन के बाद उनके कक्ष में सभी दलों के प्रमुख नेता जुटते हैं. सदन में वार-पलटवार और आरोप-प्रत्यारोप से तीखे हुए माहौल को सौहार्द और सद्भाव से हल्का करने का प्रयास किया जाता है.
पीएम मोदी से पूछा, कैसी रही विदेश यात्रा
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका के संसदीय क्षेत्र वायनाड से जुड़े मुद्दे को लेकर कही बात पर पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुस्कुराते नजर आए. उन्होंने कहा कि वे वायनाड की एक जड़ी-बूटी खाती हैं जिससे उन्हें एलर्जी नहीं होती. प्रियंका ने पीएम के हाल की विदेश यात्रा के बारे में पूछा कि यह कैसी रही. इस पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा बहुत अच्छी रही.
जब रिटायरमेंट वाली बात पर लगे ठहाके
करीब बीस मिनट तक चली इस चाय पार्टी में कुछ विपक्षी नेताओं ने पीएम से आग्रह किया कि नए संसद भवन में भी सांसदों के बैठने के लिए केंद्रीय कक्ष होना चाहिए. दरअसल पुराने संसद भवन में ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल है जहां सत्र के दौरान सांसद, पूर्व सांसद आदि बैठकर अनौपचारिक चर्चा करते हैं. नए संसद भवन में सांसदों को इसकी कमी खल रही है क्योंकि यहां सांसदों के मिलने का एकमात्र स्थान कैंटीन है. पुराने संसद भवन को अब संविधान सदन बनाया गया है और वहां केंद्रीय कक्ष का उपयोग यदा-कदा ही होता है. इस पर पीएम ने कहा कि वह तो रिटायरमेंट के बाद के लिए है. अभी तो आपको बहुत सेवा करनी है. इस पर बैठक में ज़बर्दस्त ठहाका लगा.
यूपी पर पीएम मोदी ने क्या कहा
कुछ नेताओं ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र छोटा था. धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यूपी में केवल चार दिन का सत्र बुलाया गया जिसमें से एक दिन केवल श्रद्धांजलि में निकल जाएगा. इस पर पीएम ने कहा कि आपके बगल में दीपेंद्र हुड्डा बैठे हैं. उनसे पूछिए कि कितने दिन सत्र चलता था. इस पर पीएम ने कहा कि यूपी और हरियाणा की तुलना नहीं हो सकती क्योंकि यूपी बड़ा राज्य है.
सत्र को लेकर विपक्ष ने उठाए सवाल
दरअसल विपक्ष का मानना है कि अगर सत्र लंबा होता तो देर रात तक बैठ कर विधेयक पारित कराने की नौबत नहीं आती. गौरतलब है कि विकसित भारत 'जी राम जी' बिल लंबी चर्चा के बाद लोक सभा में रात करीब डेढ़ बजे और राज्य सभा में करीब साढ़े बारह बजे पारित हुआ था. हालांकि पीएम ने इस पर चुटकी भी ली. सूत्रों के अनुसार उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा कि सत्र छोटा होने के कारण शोरगुल कम हुआ और सांसदों के गलों को नारेबाजी के कारण ज्यादा तकलीफ नहीं हुई.
पीएम ने विपक्षी सांसदों की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के कुछ सांसदों की प्रशंसा भी की. उन्होंने कहा कि एन के रामचंद्रन जैसे सांसद पूरी तैयारी के साथ सदन में आते हैं. कुछ सांसदों ने कहा कि उन्हें शून्य काल में मुद्दे उठाने का मौका नहीं मिलता. इस पर स्पीकर ने कहा कि वे सबको मौका देते हैं. तो सांसदों ने कहा कि शिकायत आपसे नहीं बल्कि कंप्यूटर बाबा से है जिसमें नाम अलॉट किया जाता है.
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