शिवगंगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Sivagangai Lok Sabha constituency) तमिलनाडु का हाईप्रोफाइल संसदीय क्षेत्र है. इस लोकसभा क्षेत्र में शिवगंगा के साथ पुडुक्कोट्टई जिले का इलाका भी शामिल है. 1967 में अस्तित्व में आए इस सीट पर अलग-अलग समय में अलग-अलग दलों का दबदबा रहा है. इस निर्वाचन क्षेत्र ने सालों से विभिन्न दलों के बीच राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखा है, लेकिन हाल के दशकों में शिवगंगा सीट वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके परिवार का गढ़ रहा है.
राजनीतिक प्रभुत्व
शिवगंगा में चिदंबरम परिवार का राजनीतिक प्रभुत्व जबरदस्त रहा है. पी. चिदम्बरम सात बार चुनाव जीतकर इस निर्वाचन क्षेत्र के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रतिनिधि रहे हैं. उनके बेटे, कार्ति चिदंबरम, 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में यहां से उनके उत्तराधिकारी बने. हालांकि, 2014 में अन्नाद्रमुक के पीआर सेंथिलनाथन की आश्चर्यजनक जीत से चिदंबरम परिवार के प्रभुत्व को चुनौती मिली थी.
हालिया चुनावी रुझान
कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सीट शेयरिंग पर समझौते को अंतिम रूप देने के साथ ही, शिवगंगा आगामी चुनाव में एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र बन गया है. तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक के साथ गठबंधन के तहत शिवगंगा सहित नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी. गठबंधन के तहत कांग्रेस छह पुरानी सीटों और तीन नई सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
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