बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के लिए कर्नाटक से 20 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है लेकिन इसके बाद से राज्य में पार्टी के भीतर हलचल का माहौल बना हुआ है. इतना ही नहीं कई नाखुश नेताओं ने दावा किया है कि वो कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा और आरएसएस समर्थक ने पार्टी से बगावत कर दी है.
ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पूरी ताकत लगा दी, क्योंकि एक हफ्ते पहले जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में उनके बेटे केई कांतेश अपनी जगह नहीं बना पाए. बता दें कि कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी ने अपने बेटे के लिए हावेरी लोकसभा सीट चाहते थे लेकिन पार्टी ने वहां से मौजूदा विधायक और पूर्व मुख्यमंज्ञी बसवराज बोम्मई को मैदान में उतारा है.
बेटे को टिकट न मिलने की वजह से परेशान ईश्वरप्पा ने घोषणा की कि वह 'कर्नाटक में वंशवादी राजनीति' के विरोध में येदियुरप्पा के बड़े बेटे बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ शिवमोग्गा से चुनाव लड़ेंगे. पीटीआई को दिए इंटरव्यू में ईश्वरप्पा ने कहा है कि कि कर्नाटक में बीजेपी की हालत खराब है.
उन्होंने कहा, "लोग और कार्यकर्ता बीजेपी के पक्ष में हैं लेकिन यहां की व्यवस्था खराब है. हमारे नरेंद्र मोदी जी क्या कह रहे हैं? कांग्रेस पार्टी एक परिवार के हाथ में है. राहुल गांधी, सोनिया गांधी... सेंट्रल कांग्रेस को एक परिवार कंट्रोल करता है. कर्नाटक में भी ऐसी ही स्थिति है. कर्नाटक बीजेपी एक परिवार के नियंत्रण में हैं और हमें इसका विरोध करना होगा."
ईश्वरप्पा ने कहा, ''किसी भी परिस्थिति में मुझे चुनाव लड़ना होगा, जो मैं लड़ूंगा."
पूर्व मुख्यमंत्री डी वी सदानंद गौड़ा, जो शुरू में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अनिच्छुक थे, ने भी अचानक चुनाव लड़ने की अपनी तीव्र इच्छा व्यक्त की है. मंगलवार को उन्होंने इशारा किया कि वह शायद कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और वह बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को अपना फैसला बताएंगे.
कोप्पल में दो बार के भाजपा विधायक कराडी सांगन्ना टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. पार्टी ने यहां से डॉ. बसवराज क्यावटोर को मैदान में उतारने का फैसला किया है. नाराज संगन्ना ने कहा कि वह भी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
भाजपा ने तुमकुरु से वी सोमन्ना को मैदान में उतारा है, जिससे कर्नाटक के पूर्व मंत्री जे सी मधुस्वामी नाराज हो गए हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. मधुस्वामी ने कहा, "मुझे दुख है कि वह (येदियुरप्पा) मेरे लिए खड़े नहीं हुए और मेरी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया. अब मैं सोच रहा हूं कि इस पार्टी में रहना चाहिए या नहीं, जब यहां कोई सुरक्षित नहीं है. मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करूंगा कि आगे क्या करना है." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि "कांग्रेस में जाना भी सेफ जोन नहीं है."
कर्नाटक में दो चरणों में, 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा.
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