सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लाइव सर्जरी प्रसारण (Live Surgery Broadcast) को लेकर याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट मामले का परीक्षण करने को तैयार हो गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और नेशनल मेडिकल काउंसिल (National Medical Council) को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. यह नोटिस CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट उस एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें डॉक्टरों को लाइव प्रसारण पर सर्जरी करते समय लाइव चर्चा में भाग लेने या सवाल उठाने से रोकने की मांग की गई है.
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि यह ऐसा है जैसे विराट कोहली क्रिकेट खेल रहे हों और लाइव कमेंट्री भी कर रहे हों. कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. एम्स में भी एक व्यक्ति की मौत टेबल पर ही हो गई. कुछ लोग सहमत हो गए, क्योंकि उन्हें बताया गया है कि विदेशी सर्जन ऑपरेशन करेंगे लेकिन लाइव प्रसारण के साथ.
उन्होंने कहा कि सर्जन का ध्यान उन लोगों पर केंद्रित होगा जो ऑपरेशन थिएटरों के बाहर हैं. कुछ मामलों में मरीजों को प्रक्रिया को समझे बिना सर्जिकल शुल्क में छूट की पेशकश की जाती है. 2015 में एलएसबी राष्ट्रीय राजधानी के एक अग्रणी अस्पताल द्वारा आयोजित किया गया था और सर्जरी के दौरान मरीज की मृत्यु हो गई विज्ञापन और प्रायोजन इसे अनुमति देने के लिए मुख्य प्रेरणा हैं.
शंकरनारायण ने कहा कि लाइव प्रसारण से सर्जन का ध्यान बंट सकता है और संभावित रूप से उन्हें जोखिम में डाल सकता है.
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