दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को आबकारी नीति मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से बड़ा झटका लगा है. न्यायालय ने गिरफ्तारी-हिरासत के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट के इस फैसले पर दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम सम्मानपूर्वक कहना चाहते हैं कि हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं और इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाएंगे.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये मामला फर्जी सबूत और झूठे गवाहों पर आधारित है. आरोपी रेड्डी पिता-पुत्र हैं. मगुंटा रेड्डी को NDA की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी की तरफ से टिकट मिला है. इन पिता-पुत्र के कई बार बयान हुए, लेकिन कहीं पर अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं आया.
उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये की बात हो रही है, लेकिन कहीं पर भी अभी तक किसी को ₹1 रुपये की भी गैरकानूनी रिकवरी नहीं हुई है. ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है कि जब करोड़ों की हेरफेर की बात हो, और ₹1 भी ना मिले.
गवाहों को धमकाया और दबाव बनाया गया - AAPभारद्वाज ने कहा कि गवाहों के बयान की बात की जा रही है, अदालत में बार-बार ये बात आई कि गवाहों को मारा पीटा गया, धमकाया गया और दबाव बनाया गया कि वो अपनी पुरानी गवाही बदलकर वो गवाही दे जो ED और केंद्र सरकार कह रही है. चंदन रेड्डी पर बयान बदलने के लिए दबाव डाला गया, उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
आप प्रवक्ता ने कहा कि जब संजय सिंह की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज की दी गई थी, तब यही जज थी और उन्होंने भी ऐसी ही बातें की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जाकर संजय सिंह की जमानत हो गई. संविधान में इसीलिए पूरी न्याय प्रणाली बनाई गई है, जिसके तहत अगर एक कोर्ट गलती कर दे, तो आप ऊपर अपील करें और वो गलती सुधर जाए.
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