दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) को बुराड़ी परिवहन प्राधिकरण में ऑटो फाइनेंसरों/अनाधिकृत डीलरों और दलालों के साथ परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की जांच करने का निर्देश दिया है.
ये निर्देश दिल्ली के कई ऑटो रिक्शा यूनियनों द्वारा दायर एक आपराधिक रिट याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर आया है, जिन्होंने RTO में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और ऑटो रिक्शा चालकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
ये कोई पहला मामला नहीं है कि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान चल रही है. इससे पहले दिल्ली के एलजी ने आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई से करने का फैसला किया था.
आबकारी नीति को लेकर बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के बंगले के बाहर प्रदर्शन भी किया था. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष समेत केंद्रीय मंत्रियों ने आम आदमी पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
इधर आम आदमी पार्टी का आरोप है कि सत्येंद्र जैन की तरह बीजेपी डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को भी झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजना चाहती है. कुछ दिन पहले खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि मनीष सिसौदिया जैसे ईमानदार आदमी को बीजेपी जेल भेज सकती है. दिल्ली सरकार की सफाई है नई आबकारी नीति में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है.
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