- गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान SIR को लेकर फैलाई जा रही गलतफहमी पर जवाब दिया.
- उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग का गठन और उसकी शक्तियां संविधान के अनुच्छेद 324 में स्पष्ट रूप से निर्धारित हैं.
- अमित शाह ने कहा कि SIR प्रक्रिया पहली बार नहीं हुई है बल्कि 1952 से कई बार हो चुकी है.
चैलेंज भी. जवाब भी. वार भी. पलटवार भी. लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधार पर चर्चा क्लाइमेक्स पर पहुंची नजर आई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार शाम पांच बजे चर्चा का जवाब दिया. सदन में उस वक्त राहुल गांधी भी मौजूद थे. शाह के भाषण के दौरान राहुल उन्हें चुनौती देते नजर आए, तो शाह ने भी जमकर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि SIR पर झूठ फैलाया जा रहा है. हम किसी भी चर्चा के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि संविधान के अंदर चुनाव आयोग का गठन उसकी शक्तियां, चुनावी प्रक्रिया मतदान की परिभाषा के बारे में स्पष्ट प्रावधान है. प्रावधान जब किए गए तब हमारी पार्टी नहीं बनी थी. हमारी पार्टी के अलावा जो लोग हैं, इन लोगों ने संविधान सभा में चर्चा करके इसे बनाया गया.
शाह ने कहा कि इस सदन में एसआईआर पर चर्चा नहीं होनी चाहिए, ये चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. ये भारत सरकार के तहत काम नहीं करते हैं. जब उन्होंने कहा कि हम चुनाव सुधार पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं तो हम तुरंत मान गए. एसआईआर पर एकतरफा चार महीने से झूठ फैलाया जा रहा है. देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया. मैंने एसआईआर की प्रक्रिया का इससे जुड़े हुए संवैधानिक अनुबंधों का और भूतकाल में जो एसआईआर हुए हैं उसका गहन अध्ययन किया है. जो झूठ विशेषकर कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाया गया उसका तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं.
हरियाणा के एक ही घर से 501 वोट? लोकसभा में राहुल गांधी के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह का जवाब#AmitShah | #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/XmVfNbkNAa
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SIR चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया
अमित शाह ने कहा कि एसआईआर आज क्यों हो रहा है, इतिहास बताते हैं तो नाराज हो जाते हैं. कोई भी देश इतिहास को छोड़कर कैसे आगे बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि आज जो हो रहा है दोनों के बीच अंतर क्या और आरोप क्या है, इसका जवाब देता हूं. फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है. अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग के गठन, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का प्रावधान है.अमित शाह ने कहा कि ऐसा नहीं है पहली बार एसआईआर हो रहा है. पहले भी एसआईआर हुआ है. मनमोहन सिंह के समय मे भी यह हुआ था.यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है.
'पत्रकार कभी BJP का एजेंट नहीं होता है'
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लोकसभा में संबोधन के दौरान बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह #AmitShah | #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/1Q2We8Ay5J
SIR से घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा
उन्होंने कहा कि 2004 के बाद 2024 में एसआईआर हो रहा है. यह प्रक्रिया कांग्रेस के शासनकाल में कई बार हो चुकी है. पहला एसआईआर 1952 में हुआ था, तब कांग्रेस की सरकार थी. इस प्रक्रिया से घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. सीएम और पीएम कौन होगा, ये घुसपैठिए तय नहीं करेगे. SIR चुनाव को स्वच्छ रखने की प्रक्रिया है.
"देश के मतदाता तो वोट देते नहीं, थोड़े विदेशी देते थे, वो भी चले जाएंगे"
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लोकसभा में संबोधन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर कसा तंज #AmitShah | #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/wTy5zbCGKL
EC के पास मतदाता सूची बनाने का अधिकार
अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एसआईआर हुआ. चुनाव आयोग की ड्यूटी है यह तय करना कि कौन मतदाता है और कौन नहीं. सबसे पहली शर्त यह है कि मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए. चुनाव आयोग का दायित्व है कि वो एसआईआर करे. तीन बातों के आधार पर भारत के मतदाता होने की बात तय की गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त और आयुक्त के पास इसका अधिकार है. आर्टिकल 27 पूर्ण अधिकार देता है कि चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची बनाने का अधिकार है.
वोटर्स को लेकर राहुल गांधी का दावा गलत
अमित शाह ने राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि उन्होंने हरियाणा का एक मकान नंबर बताते हुए दावा किया कि उस घर में इतने वोटर हैं. चुनाव आयोग की वेरिफिकेशन में उनका दावा ही गलत निकला. उन्होंने कहा कि वोट चोरी का फर्जी नैरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है. शाह के ये कहते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हो रही है. इस पर विपक्ष की ओर से हंगामा हो गया. इस पर गृह मंत्री ने कहा कि मुझे अपनी बात पूरी करने दें, इसके बाद विपक्ष के नेता को भी मौका मिलेगा, मैं उसका भी जवाब देने के लिए तैयार हूं.
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