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This Article is From Sep 23, 2020

राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कहा- कृषि विधेयक वापस लिए जाएं

विपक्षी दल विवादास्पद कृषि विधेयकों के खिलाफ विरोध जारी रखे हैं, इन विधेयकों को संसद में मंजूरी दे दी गई है

राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कहा- कृषि विधेयक वापस लिए जाएं
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की.
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मुलाकात की. विपक्षी दल विवादास्पद कृषि विधेयकों (Farm bills) के खिलाफ विरोध जारी रखे हैं. इन विधेयकों को संसद में मंजूरी दे दी गई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता आज़ाद और राष्ट्रपति के बीच बैठक विपक्षी दलों द्वारा संसद की र्कायवाही  का बहिष्कार शुरू करने के एक दिन बाद हुई है. कांग्रेस (Congress) नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार को कृषि संबंधी विधेयक लाने से पहले सभी दलों, किसान नेताओं के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था. 

गुलाम नबी आजाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि "वोटों का कोई विभाजन नहीं हुआ और न ही ध्वनि मत हुआ. लोकतंत्र के मंदिर में संविधान को कमजोर किया गया. हमने राष्ट्रपति को सूचित किया है कि कृषि बिलों को असंवैधानिक रूप से पारित किया गया है और उन्हें इन बिलों को वापस करना चाहिए." 

संसद का मानसून, सत्र जो कि लगभग पांच महीने के अंतराल के बाद शुरू हुआ था, आज अनिश्चितकाल केलिए स्थगित हो गया. कोरोनो वायरस महामारी के हालत में राज्यसभा का यह सत्र तय अवधि से आठ दिन पहले आज दोपहर में समाप्त हो गया.

कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयकों का विपक्ष जोरदार विरोध कर रहा है. संसद में हंगामा करने पर विपक्ष के राज्यसभा के आठ सांसदों का निलंबन कर दिया गया है. इसके विरोध में मंगलवार को विपक्षी नेताओं ने संसद का बहिष्कार किया. 

विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया सदन

कल राज्यसभा ने विपक्षी दलों की अनुपस्थिति में साढ़े तीन घंटे में सात विधेयकों को मंजूरी दी गई. गुलाम नबी आजाद ने आज दोपहर में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर तीन विवादास्पद श्रम विधेयकों को पारित नहीं करने का आग्रह किया. पत्र में कहा गया है कि "ये बिल करोड़ों श्रमिकों की आजीविका को प्रभावित करेंगे. लोकतंत्र पर यह बहुत बड़ा धब्बा होगा कि आज ये बिल एकतरफा पारित हों." सरकार ने कहा है कि राज्यसभा से पारित किए गए तीन श्रम बिल, श्रमिकों को एक सुरक्षित वातावरण देंगे.

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