कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद से मंगलवार को पार्टी के तीन बड़े नेता आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण और भूपिंदर हुड्डा मिले. ये तीनों नेता असंतुष्ट गुट 'जी-23' का हिस्सा रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के अनुसार, नेताओं ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद के घर पर उनसे मुलाकात की और पूछा कि उन्होंने उनसे परामर्श किए बिना क्यों छोड़ दिया. साथ ही सोनिया गांधी द्वारा एक नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आंतरिक चुनाव की घोषणा के बाद भी उन्होंने ऐसा क्यों किया. चव्हाण के अनुसार, आजाद ने दावा किया कि कांग्रेस के एक वर्ग द्वारा उनके खिलाफ साज़िश के कारण उनकी स्थिति अस्थिर हो गई थी.
वहीं पृथ्वीराज चव्हाण ने गांधी परिवार के कांग्रेस अध्यक्ष पद स्वीकार करने से मना करने और पार्टी के अंदरुनी चुनावों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए.
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पांच दशक तक पार्टी में रहने के बाद उसे छोड़ दी. उन्होंने सोनिया गांधी को दिए अपने त्याग पत्र में राहुल गांधी की आलोचना की. उन्होंने राहुल गांधी पर "बचकाना व्यवहार और अपरिपक्वता" का आरोप लगाया और कांग्रेस की गिरावट और चुनावी हार के लिए उन्हें दोषी ठहराया. वह एक नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पार्टी से बाहर हो गए.
आनंद शर्मा ने आजाद के त्याग पत्र पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि ये सभी कांग्रेसियों को पीड़ा देगी. यह एक गंभीर घटना है और इससे सभी कांग्रेसियों को पीड़ा होगी. मैं व्यक्तिगत रूप से स्तब्ध हूं. यह स्थिति पूरी तरह से टाली जा सकती थी. हमें उम्मीद थी कि गंभीर आत्मनिरीक्षण होगा लेकिन दुर्भाग्य से यह प्रक्रिया उलट गई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं