महाराष्ट्र में विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. दस जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमीन हथियाने के मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे. NCP के धनंजय मुंडे ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल यानी शुक्रवार को करेगा सुनवाई. महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ जमीन खरीद के एक मामले में केस दर्ज करने का आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने दिया.
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राजाभाऊ फड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया. यह जमीन अंबोजागाई तहसील के पूस स्थित बेलखंडी देवस्थान पर स्थित है. यह सरकारी जमीन बेलखंडी मठ को गिफ्ट के तौर पर दी गई थी. आरोप है कि यह जमीन धनंजय मुंडे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए काफी कम दाम पर सहकारी शक्कर कारखाने के लिए खरीदी थी.
दरअसल, यह जमीन कृषि योग्य थी लेकिन दस्तावेजों में इसे अकृषि योग्य भूमि करार दिया गया और मामूली दाम लगाए गए. यही नहीं मामले की जानकारी सामने आने के बाद भी जांच अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की. इसलिए उन अधिकारियों के खिलाफ भी अब गाज गिर सकती है. उपहार में मिली किसी भी जमीन की खरीदी बिक्री नहीं की जा सकती है, लेकिन इस प्रकरण में दबाव तंत्र का इस्तेमाल किया गया.
मुंडे ने 1991 में जगमित्र शुगर फैक्ट्री के लिए 24 एकड़ जमीन खरीदी की थी. गैर कानूनी तरीके से हुए इस सौदे के विरोध में राजाभाउ फड नाम की संस्था ने पहले पुलिस थाने में शिकायत की. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने अदालत की शरण ली.
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मामले में मुंडे के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस वक्त इस भूमि का सौदा हुआ उस वक्त इसके अधिकार देशमुख के पास थे. उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि यह कृषि योग्य जमीन है. उनके वकील ठोंबरे ने पूरे प्रकरण को राजनीतिक मोड़ देने के लिए षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया है.
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