विज्ञापन

दर्द की कहानियां : छोटे-छोटे सपने लेकर कुवैत उड़े थे वे सब, आज बंद ताबूत में लौटे घर

Kuwait Building Fire: कुवैत में भीषण आग में झारखंड के एक युवक मोहम्मद अली हुसैन की भी मौत हो गई है. 18 दिन पहले हुसैन के कुवैत जाते समय उसके परिजन ने सोचा भी नहीं था कि वे उन्हें आखिरी बार देख रहे हैं.

दर्द की कहानियां : छोटे-छोटे सपने लेकर कुवैत उड़े थे वे सब, आज बंद ताबूत में लौटे घर
सपने लेकर कुवैत उड़े थे, आज ताबूत में पहुंचे शव
नई दिल्‍ली:

Kuwait Mangaf Building Fire: वे सब छोटे-छोटे सपने लेकर कुवैत उड़े थे... किसी को अपना घर बनाना था, कोई अपने भाई-बहनों का भविष्‍य बनाना चाहता था, तो कोई अपने पिता के कंधे से कंधा मिलाकर उनकी कंपनी में काम करना चाहता था. लेकिन ये सभी सपने अधूरे रहे गए, आज वे सब बंद ताबूत में घर पहुंचे हैं. कुवैत में 12 जून को हुए भीषण अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों के शव लेकर वायुसेना का विशेष विमान शुक्रवार को कोच्चि में लैंड किया. बाद में इस विमान को दिल्ली ले जाया जाएगा. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन और राज्य के कई कैबिनेट मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद थे. राज्य के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि चूंकि मृतकों की अधिकतम संख्या केरल से थी, इसलिए विमान पहले यहां उतरा है. यही विमान बाकी शवों को लेकर दिल्ली चला जाएगा. इस भीषण अग्निकांड में मरनेवालों में केरल के 23, तमिलनाडु के सात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के तीन-तीन, ओडिशा के दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं.

सिर पर एक छत जुटाने के लिए गए थे कुवैत

बिनॉय जोसेफ अपने पीछे पत्नी बिनेथा और दो बेटियों को छोड़ गए हैं, जिनमें से सबसे छोटी कक्षा 1 में है.त्रिशूर जिले के चावक्कड़ के पास पलायूर में अपने घर पर अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए पर्याप्त पैसा कमाने का सपना लेकर कुवैत जाने से पहले वह चावक्कड़ में एक दुकान में सेल्समैन के रूप में काम कर रहा था. परिवार की पड़ोसी सुप्रिया रामचंद्रन ने कहा, "उनके पास अपना घर नहीं है। पिछले साल, बिनॉय ने घर बनाने के लिए जमीन का एक छोटा-सा टुकड़ा खरीदा। अब उन्होंने उस जमीन पर एक छोटा-सा शेड बना लिया है। वह 44 साल की उम्र में कुवैत सिर्फ इसलिए गए, ताकि वह जमीन खरीदने में हुई देनदारी चुका सकें और घर बनाने के लिए पर्याप्त पैसे जुटा सकें.

Latest and Breaking News on NDTV

झारखंड से पहली बार गया था कुवैत, गंवाई जान

कुवैत में भीषण आग में झारखंड के एक युवक मोहम्मद अली हुसैन की भी मौत हो गई है. 18 दिन पहले हुसैन के कुवैत जाते समय उसके परिजन ने सोचा भी नहीं था कि वे उन्हें आखिरी बार देख रहे हैं. पिता  मुबारक हुसैन (57) ने बताया कि हुसैन (24) अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था और वह अपने परिवार की मदद के लिए रांची से कुवैत गया था. उन्‍होंने बताया, "वह पहली बार देश से बाहर गया था. उसने हमें बताया कि उसे वहां सेल्‍समैन की नौकरी मिल गई है. हमने कभी नहीं सोचा था कि 18 दिनों के भीतर इतनी बड़ी घटना हो जाएगी."

Latest and Breaking News on NDTV


हुसैन के पिता ने बताया कि बेटे के एक सहकर्मी ने बृहस्पतिवार को सुबह उसकी मौत की जानकारी दी थी, ‘‘लेकिन शाम तक मैं इतनी भी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि अपनी पत्नी को इस दुखद खबर के बारे में बता सकूं. मेरा बेटा स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 'सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) का कोर्स कर रहा था। एक दिन अचानक उसने कहा कि वह कुवैत जाएगा. रांची में वाहनों के टायरों का छोटा सा कारोबार चलाने वाले मुबारक ने कहा, ''मेरा बेटा स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 'सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) का कोर्स कर रहा था। एक दिन अचानक उसने कहा कि वह कुवैत जाएगा. कुवैत के मीडिया ने बताया कि धुएं के कारण दम घुटने से अधिकतर लोगों की मौत हुई थी."

पिता की मौत, अधूरी रह गई बेटी को मोबाइल देने की ख्वाहिश

लुकोस ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाली अपनी बड़ी बेटी के लिए मोबाइल फोन खरीदा था और अगले महीने बेंगलुरु में नर्सिंग कोर्स में दाखिले की व्यवस्था के लिए जब वह घर आने वाले थे, तब उसे अपने साथ लाने वाले थे. हालांकि, बुधवार को उनके परिवार के पास अपुष्ट खबरें पहुंचीं कि कुवैत में जिस इमारत में वह रह रहे थे, उसमें आग लग गई है व इस हादसे में 49 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हैं. लुकोस ने बताया, "दोस्तों ने हमें बताया कि आग लगने की घटना तड़के करीब चार बजे के आसपास हुई थी और उस समय लुकोस ने वहां के एक गिरजाघर के पादरी को फोन किया था. लुकोस ने थोड़ी देर पादरी से बात की और फिर कॉल कट गई। जब हमने पलटकर उन्हें कॉल की तो 'रिंग' जा रही थी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया." रिश्तेदार ने बताया कि पिछले 18 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे लुकोस के परिवार में पिता (93), मां (88), पत्नी और दो बेटियां हैं. उन्‍होंने बताया, "उसकी बड़ी बेटी ने 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए थे. इसलिए उन्होंने उसके लिए एक फोन खरीदा. अगले महीने जब वह आने वाले थे, तो फोन साथ लाने वाले थे. वह बेटी को नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के लिए बेंगलुरु भी ले जाने वाले थे.'

दरभंगा जिले में एक मां को बेटे का इंतजार

बिहार के दरभंगा जिले में अधेड़ उम्र की एक महिला कुवैत में बुधवार को आग की घटना में 49 लोगों की मौत की खबर सुनने के बाद वहां रह रहे अपने बेटे को बार-बार कॉल कर रही है, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा है. ऐसे में वह अपने बेटे को लेकर बहुत चिंता में है. जिले के नैना घाट इलाके की निवासी मदीना खातून ने बताया कि उनका बेटा कालू खान पिछले कई सालों से कुवैत में रह रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे के बारे कुछ भी पता नहीं चल रहा है. उनके अनुसार कालू खान उसी इमारत में रह रहा था जिसमें आग लगी. गमगीन खातून ने मीडियाकर्मियों से कहा, "मैंने आखिरी बार उससे मंगलवार रात करीब 11 बजे बात की थी. उसने मुझसे कहा था कि वह पांच जुलाई को दरभंगा आएगा, क्योंकि उसकी शादी अगले महीने होने वाली थी. लेकिन जब से मुझे कुवैत में उसी इमारत में आग लगने की घटना के बारे में पता चला, तो मैं उससे संपर्क करने की कोशिश कर रही हूं... लेकिन वह मेरी कॉल का जवाब नहीं दे रहा है. हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं दुआ कर रही हूं कि मुझे अपने बेटे के बारे में कुछ अच्छी खबर मिले."

Latest and Breaking News on NDTV

कुवैत में पिता की कंपनी की थी ज्‍वॉइन, एक सप्ताह बाद हुई मौत

27 वर्षीय श्रीहरि प्रदीप पिछले हफ्ते ही पिता की कंपनी में अपनी पहली नौकरी शुरू की, जहां उनके पिता पिछले 10 वर्षों से काम कर रहे हैं. बुधवार को कुवैत की एक इमारत में लगी आग में प्रदीप की मौत हो गई. केरल का रहने वाले प्रदीप मैकेनिकल इंजीनियर था. जिस इमारत में आग लगी, वहां, प्रदीप की कंपनी एनबीटीसी के कई लोग रहते थे. वह भी कुछ दिनों पहले यहां शिफ्ट हुए थे. वहीं, प्रदीप के पिता इस इमारत से कुछ दूर दूसरी बिल्डिंग में रहते थे. गुरुवार की सुबह, उन्होंने अस्पताल के मुर्दाघर में अपने बेटे की पहचान की.

(पीटीआई इनपुट के साथ...)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com