हिंसा के शिकार मणिपुर में शांति वार्ता के लिए सरकार द्वारा समिति गठित किए जाने के अगले ही दिन अधिकतर कुकी प्रतिनिधियों ने निराशा जताते हुए समिति का बहिष्कार करने की बात कही है. मिली ख़बरों के मुताबिक, कुकी समुदाय इस बात से नाखुश है कि समिति में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनके समर्थकों को शामिल किया गया है.
कुकी प्रतिनिधियों ने कहा कि वे पैनल का बहिष्कार करेंगे, क्योंकि उन्हें पैनल में शामिल करने के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई थी.
शांति समिति सदस्यों में मुख्यमंत्री, कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज समूहों के नेता शामिल हैं. समिति का गठन गृह मंत्रालय द्वारा किया गया, जिसकी आधिकारिक घोषणा 10 जून को की गई.
कुकी इन्पी मणिपुर (KIM) अध्यक्ष अजांग खोंगसाई ने कहा कि वह शांति वार्ता के लिए मणिपुर सरकार के साथ नहीं बैठ पाएंगे.
राज्य की राजधानी इम्फाल और उसके आसपास रहने वाले मैतेई समुदाय तथा पहाड़ियों में बसे कुकी समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़पों में 3 मई से अब तक 100 से ज़्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. घाटी के निवासियों द्वारा उन्हें अनुसूचित जनजातियों में शामिल करने की मांग के बाद यह हिंसा भड़की थी.
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