आयुष्मान भारत कार्ड का नाम अब बदलकर “आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना - मुख्यमंत्री योजना” रखा जाएगा. Co branding के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है. इससे पहले कई राज्यों को सिर्फ “आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” के कार्ड पर nfKs नाम से आपत्ति थी. दरअसल, बहुत गिने-चुने राज्यों में ही 5 लाख से ज्यादा के हेल्थ बेनिफिट की योजना है. ऐसे में जिन राज्यों में 5 लाख से ज्यादा की योजना है वहां 5 लाख की रकम तो आयुष्मान भारत की तरफ से इलाज के लिए मिलेगा और उसके ऊपर की रकम राज्य सरकार देगी.
कार्ड पर अब आयुष्मान भारत के logo के अलावा state का Logo भी रहेगा. इस नए प्रावधान के तहत दो कार्ड की ज़रूरत नहीं होगी बल्कि एक ही कार्ड से आयुष्मान स्कीम और राज्य की स्कीम का लाभ लाभार्थी ले पाएंगे.
दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा अब तक आयुष्मान भारत में शामिल नहीं है. धीरे धीरे इन राज्यों को भी शामिल करने की दिशा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहल कर रहा है.
पंजाब में आयुष्मान भारत योजना लागू तो है लेकिन वहां की सरकार लोगों को बेनिफिट देने में आनाकानी कर रही है इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पंजाब सरकार से बात की है. मनसुख ने कहा है कि अगर राज्य सरकार ऐसे आनाकानी करती रही तो आयुषमान योजना आगे जारी रखने में दिक्कत होगी.
इधर एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को अब आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत समग्र स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा और इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को एमओयू की सराहना करते हुए इसे देश में अपनी तरह का पहला करार बताया और कहा कि यह ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए अधिकार तथा सम्मानपूर्ण स्थान सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि एमओयू से देशभर में ट्रांसजेंडर वर्ग के उन लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा जिनके पास नेशनल पोर्टल द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाणपत्र हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं