केरल में कोरोना वायरस के 300 नए मामले, 3 की मौत; देशभर में 2,669 एक्टिव केस

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केरल के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बुधवार को कहा कि कोविड (Coronavirus) किसी भी अन्य फैलने वाली बीमारी की तरह है, जिसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता.

नई दिल्ली:

देश में कोरोना के मामले (Coronavirus) लगातार बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक,  केरल में 20 दिसंबर को कोरोना संक्रमण के 300 नए एक्टिव मामले दर्ज किए गए. वहीं 3 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,669 हो गई है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केरल के एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बुधवार को कहा कि कोविड किसी भी अन्य फैलने वाली बीमारी की तरह है, जिसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता . उन्होंने कहा कि बीमारी की स्ट्राइक रेट में कमी आई है.

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कोरोना से होने वाली मौतों में आई कमी-डॉ. श्रीजीत एन कुमार

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना भले ही पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता लेकिन बीमारी का प्रकोप पहले से कम हो गया है. वहीं  मृत्यु दर यानी बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या भी उतनी अधिक नहीं है, जितनी पहले हुआ करती थी. डॉ. श्रीजीत एन कुमार ने एएनआई से कहा कि अब कोरोना संक्रमण किसी भी अन्य इन्फ्लूएंजा या अन्य सामान्य सर्दी की तरह ही है. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने बुधवार को भारत में COVID ​​​​-19 स्थिति और COVID​​​​-19 की निगरानी, ​​रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. कुछ राज्यों में COVID-19 के मामलों में हालिया वृद्धि को देखते हुए ये समीक्षा बैठक की गई. 

राज्यों से सतर्कता बरतने की अपील

बैठक के दौरान, मनसुख मंडाविया ने कोरोना वायरस के नए और उभरते प्रकारों के खिलाफ सतर्क और तैयार रहने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "कोविड-19 वायरस के नए और उभरते प्रकार के खिलाफ सतर्क और तैयार रहना महत्वपूर्ण है."केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों से सतर्क रहने, निगरानी बढ़ाने और दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और टीकों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने की अपील की.  कोविड-19 के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच संयुक्त प्रयासों की जरूरत को दोहराते हुए, मनसुख मंडाविया ने कहा, "आइए हम केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर हर तीन महीने में एक बार मॉक ड्रिल करें और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करें."

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