Kozhikode Plane Crash: केरल के कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार को लैंडिंग के दौरान हादसे के शिकार हुए विमान के पायलटों को इलाके के खराब मौसम के बारे में सतर्क किया गया था. उन्हें टेलविन्ड्स (Tailwinds) के बारे में भी जानकारी दी थी. हालांकि, हवाओं का रुख स्वीकार्य स्तर के अंदर था. नागर विमानन महा निदेशक अरुण कुमार ने एनडीटीवी से यह बात कही. टेलविन्ड्स का अर्थ है कि विमान के चलने की दिशा में हवा का रुख या बहाव.
कयास लगाए जा रहे हैं कि खराब मौसम इस हादसे के लिए जिम्मेदार हो सकता है. बता दें कि विमान ने पूरी स्पीड के साथ काफी आगे जाकर हवाई पट्टी को छुआ और रनवे के छोर तक दौड़ता हुआ चला गया. इसके बाद फिसलकर घाटी में गिर गया.
कुमार ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया, "एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने पायलटों को मौसम के बारे में जानकारी दी थी... फैसला कमांडर को करना था कि वह चक्कर काटते या फिर लैंड करेंगे."
यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट को इस बारे में सतर्क किया गया था कि वह हवाई पट्टी से बहुत नीचे उतर गए हैं इस पर कुमार ने कहा कि एटीसी से एयरफ्राफ्ट रेस्क्यू टीम और फायर फाइटर्स को अलर्ट किया गया था और वे त्वरित कदम उठाते हुए पहुंच गए. कुमार ने कहा, "उन्होंने देखा कि विमान रनवे से नीचे उतर गया है और अलार्म बजने लगा है. उन्होंने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया. इस प्रक्रिया में 10 मिनट लगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या विमान के नीचे उतरने के बाद भी एटीसी और एयरफ्राफ्ट संपर्क में थे, इस पर उन्होंने कहा कि ये जांच के बाद पता चलेगा.
एयर इंडिया एक्सप्रेस के बोइंग 737-800 विमान के शुक्रवार को कैश होने की वजह से दोनों पायलट समेत 18 लोगों की मौत हुई है. जिस समय हादसा हुआ विमान में 184 यात्री सवार थे, जिसमें 10 बच्चे भी शामिल थे. इनमें से 4 बच्चों की मौत हो गई है.
डीजीसीए प्रमुख ने कहा, "फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के पास है. वह इस मामले की जांच कर रही है. ब्यूरो, नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड, अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही विमान की विनिर्माता कंपनी बोइंग भी जांच करेगी. इसके बाद अंतिम निष्कर्ष निकलेगा."
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