
गौरीकुंड के निकट भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग अभी तक पूरी तरह से नहीं खुल पाया है. ऐसे में शनिवार से मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हजारों तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा जवानों की निगरानी में धाम के लिए भेजा गया. इस स्थान पर घोड़े खच्चर सहित डंडी-कंडी का संचालन भी नहीं हो पा रहा है. ऐसी स्थिति में तीर्थ यात्राओं को पैदल ही धाम के लिए रवाना होना पड़ रहा है. दरअसल, शुक्रवार देर रात केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड के निकट पहाड़ी टूटने से यात्रा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद यात्रा मार्ग खोलने के प्रयास तो किये गये, लेकिन मौसम के साथ ना देने से यात्रा मार्ग नहीं खुल पाया.
मार्ग खोलने का प्रयास लगातार जारी
शनिवार दिन भर यात्रियों को धाम नहीं भेजा गया, जबकि धाम से नीचे उतरे यात्रियों को SDRF की ओर से रेस्क्यू किया गया. रविवार सुबह तक भी पैदल यात्रा मार्ग पूर्ण रूप से नहीं खुल पाया है. पैदल यात्रा मार्ग को खोलने के प्रयास लगातार जारी है. भूस्खलन से प्रभावित स्थान बेहद खतरनाक बना हुआ है.

बता दें उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रुमसी गांव में शुक्रवार रात (25 जुलाई की मध्य रात्रि) भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा जब इलाके में अचानक बादल फटने की घटना हुई. इस हादसे के बाद बिजयनगर समेत कई गांवों में अफरा-तफरी मच गई. घरों में पानी घुस गया, कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि तबाह हो गई. केदारनाथ यात्रा पर भी इस आपदा का असर पड़ा. भूस्खलन की वजह से यात्रा मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं