कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) ने शुक्रवार को कैश फॉर क्वेरी केस में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को लोकसभा से निष्कासित करने पर सरकार की आलोचना की है. चिदंबरम ने महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को लोकसभा से निष्कासित करने की तुलना हाल ही में भारत में आयोजित हुए क्रिकेट विश्व कप में श्रीलंकाई क्रिकेटर एंजेलो मैथ्यूज (Angelo Mathews) के टाइम-आउट होने से की है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इससे पहले सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी.
पैनल की रिपोर्ट पर तीखी बहस के बाद, मोइत्रा को बोलने की अनुमति नहीं दी गई, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने "अनैतिक आचरण" के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद को निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.
संसद के बाहर पीटीआई से बात करते हुए, चिदंबरम ने कहा कि एक महिला, विशेष रूप से एक अकेली महिला, जिसे अपमानित किया गया है और उसके साथ अन्याय हुआ है, वही राजनीति में आगे बढ़ती है. उन्होंने कहा कि मोइत्रा 18वीं लोकसभा में वोटों के बड़े अंतर से जीत के साथ वापस आने वाली हैं.
उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. सदन ने एक बहुत ही गलत रिपोर्ट पर भरोसा किया है, एक ऐसी रिपोर्ट जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है. रिपोर्ट ने न्याय के हर सिद्धांत और साक्ष्य की प्रक्रिया का उल्लंघन किया है." उन्होंने आरोप लगाया कि यह किसी प्रतिद्वंद्वी को खत्म करने के लिए कानून को हथियार बनाने जैसा है.
चिदम्बरम ने कहा, "दो हफ्ते पहले, विश्व कप था और एंजेलो मैथ्यूज को बांग्लादेश के शाकिब (अल हसन) ने टाइम आउट कर दिया था. भले ही यह कानून के भीतर था, लोगों ने कहा कि यह क्रिकेट की भावना के खिलाफ था. भारत में, लोगों को कोई आपत्ति नहीं है अगर कोई हार जाता है, तो जब आप किसी को अपमानित करते हैं तो उन्हें यह पसंद नहीं आता,''
मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में "टाइम आउट" होने वाले पहले बल्लेबाज बन गए, जब वह बांग्लादेश के खिलाफ विश्व कप मैच में सदीरा समरविक्रमा के आउट होने के बाद दो मिनट के निर्धारित समय के भीतर स्ट्राइक लेने में विफल रहे, जिससे विवाद पैदा हो गया. श्रीलंकाई खिलाड़ी ने टाइम आउट के जरिए उन्हें आउट करने के बांग्लादेश के फैसले को "अपमानजनक" बताया था. 7 नवंबर को मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया.
मोइत्रा ने अपने इस निष्कासन की तुलना ‘कंगारू अदालत' द्वारा फांसी की सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने के फैसले की निंदा की और इस कदम को देश के संसदीय लोकतंत्र के साथ ‘‘विश्वासघात'' करार दिया.
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