पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Election Result 2023) के नतीजे आने के बाद उत्तर बनाम दक्षिण भारत की नई बहस शुरू हो गई है. उत्तर भारत के हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी (BJP) ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है. बीजेपी ने जहां कांग्रेस (Congress) से छत्तीसगढ़ और राजस्थान छीना है. वहीं, मध्य प्रदेश की सत्ता बरकरार रखी है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने कर्नाटक के बाद दूसरे दक्षिण राज्य तेलंगाना में एंट्री की है.
आइए समझते हैं विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आखिर उत्तर बनाम दक्षिण भारत की राजनीति को लेकर बहस क्यों छिड़ी है? क्या 2024 के लोकसभा तेलंगाना में कांग्रेस की 'एंट्री' का असर क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखेगा?
विधानसभा चुनाव के नतीजे के साथ ही पूरे उत्तर भारत में बीजेपी का दबदबा हो गया है और कांग्रेस यहां से साफ हो चुकी है. उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, केंद्र शासित दिल्ली और जम्मू-कश्मीर आते हैं. इनमें से सिर्फ हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है.
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बीजेपी की क्या है स्थिति?
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. बीजेपी की असम, गोवा, गुजरात, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में अपनी सरकार है. महाराष्ट्र, नगालैंड, सिक्किम, मेघालय और पुडुचेरी में बीजेपी गठबंधन सरकार का हिस्सा है. पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. जबकि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने के बाद से चुनाव अभी नहीं हुआ है.
दक्षिण भारत में बीजेपी और कांग्रेस की स्थिति
दक्षिण भारत की बात की जाए तो कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना 5 प्रमुख दक्षिण भारतीय राज्य माने जाते हैं. इनमें से कर्नाटक को दक्षिण का प्रवेश द्वार माना जाता है. कांग्रेस ने इस साल मई में कर्नाटक का चुनाव जीता और दक्षिण के प्रवेश द्वार में एंट्री की. अब तेलंगाना में भी कांग्रेस की सरकार बन चुकी है. जबकि झारखंड, बिहार और तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा है. वहीं, आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु और केरल में बीजेपी की कोई मौजूदगी नहीं है.
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जनाधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी बीजेपी
बेशक दक्षिण भारत में बीजेपी की कोई सरकार नहीं है. लेकिन बीजेपी दक्षिण भारत में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. तेलंगाना, केरल में आज बीजेपी तीसरी सबसे पार्टी है. तमिलनाडु में शहरी निकाय चुनाव के आधार पर बीजेपी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. दक्षिण में बीजेपी का वोट शेयर लगातार बढ़ता जा रहा है. तेलंगाना चुनाव में बीजेपी की सीटें 1 से बढ़कर 8 हो गई. वोट शेयर भी 13.88 प्रतिशत हो गया है.
सांसदों के लिहाज से भी दक्षिण भारत में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी
सांसदों के लिहाज से भी बीजेपी दक्षिण भारत की सबसे बड़ी पार्टी है. दक्षिण भारत के पांच राज्यों में बीजेपी के 29 सांसद हैं. जबकि कांग्रेस के 28 सांसद हैं. लोकसभा की बात की जाए, तो कुल 543 सीटों में से बीजेपी के पास लगभग आधी सीटें हैं. लोकसभा में कांग्रेस की सिर्फ 82 सीटें हैं.
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