प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार को नई शिक्षा नीति पर टीएसआर सुब्रमण्यम कमेटी का ड्राफ्ट बिल्कुल बेकार है. सरकार को उसे कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए.
नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित मसौदे पर चर्चा के दौरान सिब्बल ने कहा कि शिक्षा के लिए एक्सिस, क्वॉलिटी और इक्विटी होना जरूरी है. यानी सबको शिक्षा मिले, शिक्षा में गुणवत्ता हो और हर तबके के लोगों को पढ़ने का अधिकार मिले. लेकिन टीएसआर सुब्रमण्यम कमेटी ने जो ड्राफ्ट बनाया है उसने इन तीनों महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है. सिब्बल ने कहा कि "मेरा सुझाव है कि आप इस ड्राफ्ट को डस्टबिन में फेंक दें और नए सिरे से शुरुआत करें. समझदार और जानकार लोगों को इस नीति को तैयार करने में लगाएं."
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे पहले सदन को बताया कि यह कैबिनेट से पास किया गया मसौदा नहीं है बल्कि सभी लोगों के सुझाव लेकर बनी नीति है जिस पर अभी और सुझाव मांगे जा रहे हैं. जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सांसदों के विचार जानने के लिए इस पर चर्चा कर रही है.
नई शिक्षा नीति के प्रस्तावित मसौदे पर चर्चा के दौरान सिब्बल ने कहा कि शिक्षा के लिए एक्सिस, क्वॉलिटी और इक्विटी होना जरूरी है. यानी सबको शिक्षा मिले, शिक्षा में गुणवत्ता हो और हर तबके के लोगों को पढ़ने का अधिकार मिले. लेकिन टीएसआर सुब्रमण्यम कमेटी ने जो ड्राफ्ट बनाया है उसने इन तीनों महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है. सिब्बल ने कहा कि "मेरा सुझाव है कि आप इस ड्राफ्ट को डस्टबिन में फेंक दें और नए सिरे से शुरुआत करें. समझदार और जानकार लोगों को इस नीति को तैयार करने में लगाएं."
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे पहले सदन को बताया कि यह कैबिनेट से पास किया गया मसौदा नहीं है बल्कि सभी लोगों के सुझाव लेकर बनी नीति है जिस पर अभी और सुझाव मांगे जा रहे हैं. जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सांसदों के विचार जानने के लिए इस पर चर्चा कर रही है.
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