Kangana vs Shivsena: कंगना के दफ्तर पर BMC की कार्रवाई का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. बॉलीवुड अदाकारा ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार ने 30 सितंबर तक सभी डिमॉलिशन पर रोक लगा रखी थी, बावजूद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा कि मेरे घर पर किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं किया गया था. उन्होंने लिखा कि सरकार ने कोविड-19 के संकट को देखते हुए सभी तरह की तोड़फोड़ पर 30 सितंबर तक रोक लगाई थी. उन्होंने तंजात्मक लहजे में लिखा कि बुलीवुड देख रहा है कि फासिज्म कैसा होता है. कंगना के इस ट्वीट के बाद उद्धव सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई.
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There is no illegal construction in my house, also government has banned any demolitions in Covid till September 30, Bullywood watch now this is what Fascism looks like ????#DeathOfDemocracy #KanganaRanaut
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 9, 2020
मुंबई को लेकर की गई टिप्पणी के बाद बॉलीवुड अदाकार कंगना रनौत और शिवसेना आमने सामने हो गई हैं. कंगना के तीखे बयानों के बीच बीएमसी ने कंगना के दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया. बीएसमी ने कल कंगना के बंगले के बाहर एक नोटिस चिपकाया था. जिसके अनुसार बीएमसी की मंजूरी के बिना कई बदलाव किए गए हैं. इधर महाराष्ट्र सरकार अध्ययन सुमन के आरोपों के आधार पर कंगना के खिलाफ ड्रग्स लेने के मामले में जांच करेगी.
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कंगना लगातार महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किए हुए हैं. उन्होंने मुंबई को एक बार फिर Pok बताते हुए मुंबई पुलिस की तुलना बाबर से कर दी है.
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