सोशल मीडिया पर टिप्पणी मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. सोशल मीडिया पर टिप्पणी के लिए मुंबई में चल रहे तीन आपराधिक मामलों को हिमाचल ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि अगर ट्रायल मुंबई में चलता है तो उनको शिवसेना नेताओं की निजी प्रतिशोध की वजह से जान का खतरा है.
दरअसल, पहला केस वकील अली काशिफ खान देशमुख ने दर्ज करवाया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आपराधिक शिकायत को लेकर है, जिसमें आरोप है कि रनौत का ट्वीट हिंदू और मुसलमानों के बीच सौहार्द बिगाड़ने का कारण बना है.
जावेद अख्तर मानहानि मामले में कंगना रनौत के खिलाफ जमानती वारंट जारी
दूसरा केस गीतकार जावेद अख्तर द्वारा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष दायर आपराधिक मानहानि का मुकदमा है जिसमें आरोप लगाया गया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिपब्लिक टीवी में रनौत ने उनके खिलाफ मानहानि की टिप्पणी की थी.
तीसरा केस कास्टिंग डायरेक्टर मुनव्वर अली सैय्यद द्वारा दायर किया गया राजद्रोह का मामला है जिसमें आरोप है कि रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक तौर पर बांटने की कोशिश की.
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बता दें, सोमवार को गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में अभिनेत्री कंगना रनौत के पेश नहीं होने पर मुम्बई की एक अदालत ने सोमवार को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया. अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने एक फरवरी को रनौत को समन जारी कर एक मार्च को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. रनौत के सोमवार को अदालत में पेश नहीं होने पर मजिस्ट्रेट आरआर खान ने अभिनेत्री के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मामले को सुनवाई के लिए 26 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
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