
पूर्व सीजेआई जस्टिस एन वी रमना ने अपने पुस्तक विमोचन भाषण में उम्मीद जताई कि भावी CJI जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (Justice Gavai) न्यायपालिका में विनम्रता और सहानुभूति लाएंगे. जस्टिस गवई को स्नेहपूर्ण सलाह देते हुए जस्टिस रमना ने कहा कि वरिष्ठ न्यायाधीश मार्गदर्शन, सुरक्षा और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, सर्वोच्च न्यायालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जज अपनी भूमिकाओं में समर्थित और सुरक्षित महसूस करें.
क्या है CJI की जिम्मेदारी, जस्टिस रमना ने बताया
जस्टिस रमना ने कहा, "न्यायिक परिवार में बड़े भाई और बहनों के रूप में, सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीशों का नैतिक और संस्थागत कर्तव्य है कि वे देश के सभी न्यायाधीशों की देखभाल करें". उन्होंने कहा, "उच्च न्यायपालिका को गरिमा, अखंडता और एकजुटता में निहित न्यायिक संस्कृति का पोषण करते हुए सावधानी और करुणा के साथ नेतृत्व करना चाहिए."
न्यायपालिका लोगों के भरोसे पर ही फलती-फूलती है
न्यायपालिका पर लोगों के भरोसे को सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताते हुए जस्टिस रमना ने कहा, "न्यायपालिका लोगों के भरोसे पर ही फलती-फूलती है और टिकी रहती है. इस संस्था पर बेवजह हमले लोगों के भरोसे की बुनियाद को ही प्रभावित करते हैं. जस्टिस रमना ने उम्मीद जताई कि न्यायपालिका हमेशा चुनौतियों का सामना करते हुए और मजबूत होकर उभरेगी.
न्यायपालिका के लिए करेंगे सर्वश्रेष्ठ प्रयास
"नैरेटिव्स ऑफ द बेंच : ए जज स्पीक्स" किताब के विमोचन के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि वह हमेशा जस्टिस रमना को अपना बड़ा भाई मानते हैं. वह न्यायपालिका के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे. इस विमोचन में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत और विक्रम नाथ के अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा और पूर्व जज भी मौजूद थे. जस्टिस रमना की किताब में उनके कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण और दिलचस्प विषयों पर दिए गए भाषण शामिल हैं.
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