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This Article is From Feb 03, 2024

झारखंड में सोमवार को चंपाई सोरेन सरकार का फ्लोर टेस्ट, टूट के डर से रिजॉर्ट में रखे गए सभी विधायक

जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के करीब 40 विधायकों को शक्ति परीक्षण (Jharkhand Floor Test) से पहले टूट के डर से हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखा गया है.

झारखंड में सोमवार को चंपाई सोरेन सरकार का फ्लोर टेस्ट, टूट के डर से रिजॉर्ट में रखे गए सभी विधायक
सोमवार को होगा चंपई सोरेन सरकार का फ्लोर टेस्ट.
नई दिल्ली:

झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को सोमवार को राज्य विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित (Jharkhand Floor Test) करना होगा. जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के करीब 40 विधायकों को शक्ति परीक्षण से पहले टूट के डर से हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट (Jharkhand Resort Politics) में सुरक्षित रखा गया है.झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं, इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 41 है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने आज न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि फ्लोर टेस्ट होने तक विधायकों को "सुरक्षित जगह" पर रखा जाएगा.

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"एक CM के लिए पद छोड़ना सोच से परे"

गुलाम अहमद मीर ने कहा, "एक मुख्यमंत्री के लिए पद छोड़ना और पार्टी सहयोगी को बागडोर सौंपना सोच से परे और अभूतपूर्व कदम है. पूरे गठबंधन ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन के उत्तराधिकारी को चुना और औपचारिक रूप से राज्यपाल को अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम प्रस्तावित किया. हम शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के लिए राज्यपाल के आभारी हैं."

राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा से इतर कांग्रेस नेता ने कहा, "पांच फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए गठबंधन को न्योता दिया जाएगा, तक हमारे सभी विधायक सुरक्षित जगह पर रहेंगे."वहीं राहुल गांधी ने कल यात्रा के झारखंड प्रवेश करने पर कहा कि  बीजेपी ने झारखंड सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की, लेकिन इंडिया गठबंधन उसकी "साजिश" के खिलाफ खड़ा हो गया और उन्हें "जनादेश चुराने" नहीं दिया.

क्या है रिजॉर्ट पॉलिटिक्स?

बता दें कि टूट के डर से जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को रिजॉर्ट में सुरक्षित रखा है. विरोधियों द्वारा उनसे संपर्क करने की कोशिशों को  रोकने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा अपने विधायकों को अपनी ही पार्टी या फिर सहयोगी राज्यों में सुरक्षित रखने की प्रथा को "रिसॉर्ट पॉलिटिक्स" कहा जाता है.  सितंबर 2022 में, हेमंत सोरेन ने अपने पक्ष में 48 वोटों के साथ बहुमत परीक्षण जीता था. तब भी भ्रष्टाचार के आरोपों पर विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के खतरे के बीच हेमंत सोरेन का बहुमत परीक्षण हुआ था. उन्होंने बीजेपी ने दल-बदल कराकर उनकी सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया था. 

 80 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में जेएमएम-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन के पास 46 सीटें हैं.  जेएमएम के पास 28, कांग्रेस के पास 16, आरजेडी के पास 1 और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के पास 1 सीट है. बता दें कि कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में ईडी की जांच के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जानबूझकर उनकी पार्टी को कमजोर करने के मकसद से निशाना बनाया है. 


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