संथाल परगना क्षेत्र के आदिवासियों की पहचान को बचाने के लिए बीजेपी में शामिल हुए चंपई सोरेन से जब पूछा गया कि इस पार्टी के झंडे पर चुनाव लड़ने में उन्हें कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा कि, "हम संघर्ष करके यहां तक आए हैं. हम जनता का हक दिलाने के लिए संघर्ष करते हैं. मैं काम करने वाला व्यक्ति हूं".
उन्होंने कहा, "बीजेपी से चुनाव लड़ना अच्छा लग रहा है". वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने के दुख पर चंपई ने कहा, "राजनीतिक जीवन के रास्ते में बहुत उतार-चढ़ाव मिलता है लेकिन उससे घबराने की जरूरत नहीं है. शिबू सोरेन को छोड़ने के दुख पर वो बोले कि अगर कोई बच्चा स्कूल में पढ़ता तो अपने मास्टर को तो नहीं भूलता. जब अलग झारखंड बना तो हम साथ चले. आज भी हम उन्हें आदर्श मानते हैं".
जब उनसे पूछा गया कि हेमंत सोरेन ने आपको मुख्यमंत्री बनाया और आपने उनका साथ छोड़ दिया तो इस पर उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें नहीं बनाया. सभी दलों के सहयोग और सहमति से मुख्यमंत्री बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने हेमंत सोरेन की पीठ में छुरा नहीं घोंपा है".
जब उनसे पूछा गया कि वह खुश हैं तो उन्होंने कहा, "हम जहां भी रहते हैं वहां खुश रहते हैं. हमारे साढ़े 5 महीने का काम की तुलना कीजिए". मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर चंपई बोले, "ये तो दल की बात है. सीएम बनूंगा या नहीं ये अभी नहीं बता सकता लेकिन यह कह सकता हूं कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है".
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