उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज अग्निकांड (Jhansi Medical College Fire) मामले में योगी सरकार पूरी तरह से एक्शन में है. सीएम योगी ने न सिर्फ इस दुखद घटना को लेकर पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है बल्कि हादसे की जांच के सख्त आदेश झांसी कमिश्नर और डीआईजी को दिए हैं. वहीं पीड़ित परिवारों के लिए 5-5 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है. वहीं घायल नवजातों के परिवारों को 50 हजार रुपए की मदद देने का ऐलान किया है. वहीं केंद्र ने मतृक बच्चों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है.
यूपी सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए अधिकारियों को 12 घंटे का समय दिया है. कहा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ, जिसकी वजह से 10 नवजातों की मौत हो गई. अब जांच के बाद भी हादसे के असली कारण का पता चल सकेगा. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी अधिकारियों के एक दल के साथ झांसी पहुंच चुके हैं. उनके साथ मुख्य सचिव स्वास्थ्य भी मौजूद हैं.
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झांसी अग्निकांड का दोषी कौन?
अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस अग्निकांड का दोषी है कौन. क्यों कि अब तक तो यही कहा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से यह हादसा हुआ है. लेकिन असली वजह तो जांच के बाद भी पता चल सकेगी और दोषियों पर सख्त एक्शन भी लिया जाएगा.
#WATCH | Jhansi Medical College Fire tragedy | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, " In February, the fire safety audit was done. In June, a mock drill was also done. How this incident happened and why it happened, we can only say something about it once the probe report comes...7… pic.twitter.com/KTQe1Y5Sc3
— ANI (@ANI) November 16, 2024
'दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा'
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नवजातों की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. परिवारों के साथ मिलकर नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि जांच सबसे पहले प्रशासनिक स्तर पर की जाएगी. दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा. इसमें अग्निशमन विभाग की टीम भी शामिल होगी. आग लगने के कारणों की भी जांच के निर्देश दिए गए हैं. किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर जो भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उनके खिलाफ और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है.
#WATCH | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, " The death of the newborns is very unfortunate. Along with the family members, we are trying to identify the bodies of newborns...the first probe will be done at the administrative level which will be done by health department, second… https://t.co/Ohh5fZYnIB pic.twitter.com/mmoyjZXJEY
— ANI (@ANI) November 16, 2024
10 बच्चों की मौत, एक्शन में सीएम और डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि फरवरी में अस्पताल का फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था. जून में इसे लेकर मॉक ड्रिल भी की गई थी. अस्पताल में आग कैसे और क्यों लगी, ये तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि 7 बच्चों की पहचान हो चुकी है, अन्य 3 की पहचान की जा रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी.
#WATCH | UP Deputy Chief Minister Brajesh Pathak arrives at Maharani Laxmi Bai Medical College in Jhansi
— ANI (@ANI) November 15, 2024
Last night, a massive fire outbreak at the Neonatal intensive care unit (NICU) of the medical college claimed the lives of 10 newborns. pic.twitter.com/r6nx4wvjVv
मेडिकल कॉलेज के NICU में लगी भीषण आग
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने मीडिया को बताया कि मेडिकल कॉलेज में मौके पर मौजूद अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच नवजात शिशु देखभाल इकाई (NICU) के एक हिस्से में शार्ट सर्किट से आग लग गई.
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे की हो रही जांच
उन्होंने बताया कि बाहर वाले हिस्से में मौजूद बच्चों में से लगभग सभी को बचा लिया गया है, लेकिन अंदर वाले हिस्से से 10 बच्चों के मारे जाने की खबर है. जिलाधिकारी ने बताया कि बचाव कार्य जारी है. झुलसे बच्चों का इलाज किया जा रहा है. गंभीर रूप से घायल बच्चों की जानकारी इकट्ठी की जा रही है. घटना की जांच के लिए एक समिति मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में बनाई गई है.
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