- बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत सकी
- अधिकांश जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों को कुल मतों के दस प्रतिशत से कम वोट मिलने पर जमानत जब्त हो गई
- मढ़ौरा सीट पर नवीन कुमार सिंह दूसरे स्थान पर रहे जबकि राजद के उम्मीदवार ने यह सीट बड़े अंतर से जीती
बिहार विधानसभा चुनाव में ‘एक्स फैक्टर' कही जाने वाली प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) को करारी हार का सामना करना पड़ा. जन सुराज की हालत ये हुई कि 243 सदस्यीय विधानसभा में 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. हार के बाद जन सुराज ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इतिहास हमेशा अभिमन्यु को याद रखता है”, और इसके साथ एक वीडियो शेयर किया जिसमें प्रशांत किशोर प्रखर गुप्ता से बातचीत में कहते दिख रहे हैं,“दुनिया चक्रव्यूह में फंसने वाले को याद रखती है, ना कि उन्हें जिन्होंने उसे घेरकर मारा.”
इतिहास हमेशा अभिमन्यु को याद रखता है!! pic.twitter.com/lYdejyFQEr
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) November 14, 2025
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जन सुराज के उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, जेएसपी के अधिकांश उम्मीदवारों को कुल डाले गए मतों के 10 प्रतिशत से भी कम वोट मिल पाए और उनकी जमानत जब्त हो गई. कई सीटों पर तो उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले. पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मढ़ौरा सीट पर रहा, जहां नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह दूसरे स्थान पर रहे. हालांकि, राजद के जितेंद्र कुमार राय ने यह सीट 27,928 मतों के अंतर से जीती. चनपटिया से त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को 17.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि जोकीहाट से सरफराज आलम को 16.26 प्रतिशत वोट हासिल हुए. भोजपुरी गायक रितेश पांडे भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में असफल रहे और उन्हें केवल 7.45 प्रतिशत वोट मिले.
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हम नई राजनीति शुरू करना चाहते थे...
फोर्ब्सगंज में जेएसपी उम्मीदवार मोहम्मद एकरामुल हक को सिर्फ 977 वोट मिले, जबकि नोटा को 3,114 वोट मिले. प्रशांत किशोर ने पहले दावा किया था कि उनकी पार्टी 150 सीटें जीतेगी. बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी या तो शीर्ष पर होगी या सबसे नीचे. नतीजों ने उनके दूसरे अनुमान को सही साबित कर दिया. जेएसपी बिहार के अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा, ‘‘हम नई राजनीति शुरू करना चाहते थे और लोगों को बिहार की दुर्दशा के बारे में बताना चाहते थे. हमें पता था कि या तो लोग हमें समझेंगे और हम शीर्ष पर होंगे, अन्यथा सबसे नीचे.''
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