- जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम थाने में हुए विस्फोट में 7 लोग मारे गए और 27 घायल हुए हैं
- विस्फोट अमोनियम नाइट्रेट से हुआ, जो फरीदाबाद से जब्त की गई विस्फोटक सामग्री से संबंधित बताया गया है
- विस्फोट के समय पुलिस और फोरेंसिक टीम विस्फोटक की जांच के लिए नमूने इकट्ठा कर रही थी
रात लगभग 11 बजकर 20 का समय था. जम्मू-कश्मीर की वादियों में सन्नाटा पसरा हुआ था. अचानक नौगाम थाने में एक के बाद एक कई धमाकों की आवाज ने लोगों को दहला दिया. विस्फोट के बाद रात के सन्नाटे में एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन गूंजने लगे और घायलों को अस्पताल ले जाया गया. कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम में हुए विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई और 29 घायल हुए हैं. हताहतों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि 5 गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. नौगाम के थाने में उसी अमोनियम नाइट्रेट से धमाका हुआ है, जिससे दिल्ली के लाल किला के सामने i20 कार में ब्लास्ट किया गया है.
विस्फोटक का कवर बनाने वाले दर्जी की भी मौत
कश्मीर के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि मारे लोगों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. कई शवों की शिनाख्त अभी तक नहीं हुई है. धमाके की वजह से कई कारों में आग लग गई. मरनवालों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है. कश्मीर के एक निवासी ने बताया कि नौगाम थाने में हुए धमाके में स्थानीय दर्जी की भी विस्फोट में मौत हो गई है. इस दर्जी को विस्फोटक सामग्री ढकने के लिए कवर बनाने का काम दिया गया था. विस्फोट के दौरान इस दर्जी की मौत हो गई.
कैसे हुआ कश्मीर के थाने में ब्लास्ट?
कश्मीर में कुछ दिनों पहले एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर फरीदाबाद से लगभग 2900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था. इसके अमोनियम नाइट्रेट होने का शक है. जम्मू-कश्मीर पुलिस 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से डॉ. मुज़म्मिल गनई के किराए के आवास से जब्त करके लेकर आई थी. गनई इस आतंकी मॉड्यूल मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से एक है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एफएसएल टीम की टीम इस विस्फोटक पद्धार्थ के सेंपल इकट्ठा कर रही थी. इसी दौरान इसमें धमाका हो गया. घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए 92 बेस अस्पताल ले जाया गया है.
कौन-कौन हुआ हताहत
मृतकों में ज़्यादातर जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी और अमोनियम नाइट्रेट की जांच कर रहे फ़ोरेंसिक टीम के अधिकारी हैं. विस्फोट में एक नायब तहसीलदार सहित श्रीनगर प्रशासन के दो स्थानीय अधिकारी भी मारे गए. 11 बजकर 20 मिनट पर हुए इस भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या पूरी 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री थाने में रखी हुई थी, जहां 19 अक्टूबर को सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के संबंध में मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि मामले की जारी जांच के तहत इसके नमूने लिए जा रहे थे.
दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच के दायरे में आए आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों ने निगरानी से बचने के लिए एक असामान्य, लेकिन प्रभावी संचार तरीका अपनाते हुए साझा ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल किया. जांचकर्ताओं के अनुसार, संदिग्धों में डॉ. उमर उन नबी और उसके सहयोगी डॉ. मुजम्मिल गनी व डॉ. शाहीन शाहिद शामिल हैं. नबी बारे में माना जा रहा है कि धमाके वाली कार वही चला रहा था. जांचकर्ताओं ने बताया कि ये सभी एक ही ईमेल अकाउंट का उपयोग करते थे.
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