विज्ञापन
This Article is From Apr 28, 2017

पैलेट गन केस : जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए सरकार और लोगों में बातचीत हो- सुप्रीम कोर्ट

पैलेट गन केस : जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए सरकार और लोगों में बातचीत हो- सुप्रीम कोर्ट
जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी करते छात्र
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कश्मीर में शांति बनाने के लिए सरकार और लोगों में बातचीत होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए पहले सुरक्षा बलों पर पथराव जैसे प्रदर्शन रुकने चाहिए. अगर इसी तरह दोनों पक्षों में टकराव होगा तो बातचीत कैसे होगी. कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को दो हफ्ते के लिए पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश देंगे और अगर वहां के लोग हिंसक प्रदर्शन बंद कर बातचीत करने का आश्वासन देंगे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के से कहा है कि वह कश्मीर के लोगों और प्रतिनिधियों से बातचीत कर कंक्रीट सुझाव लेकर सुप्रीम कोर्ट आएं.

कोर्ट ने AG मुकुल रोहतगी को कहा है कि वह याचिकाकर्ता को लोगों और हिरासत में मौजूद नेताओं से मिलवाने के प्रयास करें अगर कानून इजाजत देता हो. कोर्ट 9 मई को इस मामले में सुनवाई करेगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि कश्मीर में शांति के प्रयास के लिए पहला कदम है कि बातचीत शुरू की जाए. कोर्ट इस मामले में 9 मई को सुनवाई करेगा, 

वहीं केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया और AG मुकुल रोहतगी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर बातचीत होगी तो राजनीतिक स्तर पर कोर्ट इस मामले में डायलॉग यानी बातचीत के लिए नहीं कह सकता. याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अलगावादियों को बातचीत में शामिल किया जाए, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता. प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बातचीत की है. वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि कश्मीर से अगर सुरक्षा बलों को हटाया जाए और पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाए तो शांति के लिए बातचीत हो सकती है. 

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भी सवाल उठाया कि प्रदर्शनकारियों में 9,11, 13, 15 और 17 साल के बच्चे और नौजवान क्यों शामिल हैं?  रिपोर्ट के मुताबिक जख्मी लोगों में 40-50-60 साल के लोग नहीं हैं. खासकर 95 फीसदी जख्मी छात्र हैं. कोर्ट ने कहा था कि कश्मीर के हालात चिंताजनक हैं. हम एक गंभीर मुद्दे पर सुनवाई कर रहे हैं. वहीं केंद्र ने कहा कि पैलेट गन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प पर तौर पर किया जा रहा है किसी को मारना सुरक्षा बलों का उद्देश्य नहीं है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
नाबालिग से शादी... क्या कहता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड? जानें यहां सब कुछ
पैलेट गन केस : जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए सरकार और लोगों में बातचीत हो- सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति का असर, बेटियों को बनाया गया एक दिन का DM और SP
Next Article
उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति का असर, बेटियों को बनाया गया एक दिन का DM और SP
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com