
- दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में आतंक विरोधी अभियान के दौरान लापता दूसरे पैराट्रूपर का शव भी बरामद कर लिया गया है.
- सेना ने लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजॉय घोष के शव बरामद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.
- दोनों जवान तीन दिन पहले बर्फीले तूफान के बीच चल रहे अभियान में लापता हुए थे और पश्चिम बंगाल के निवासी थे.
दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के ऊपरी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान लापता हुए दूसरे पैराट्रूपर का शव बरामद कर लिया गया है. सेना ने लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजॉय घोष को श्रद्धांजलि अर्पित की है, जिन्होंने खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों में अदम्य साहस का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.
चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “चिनार कोर कोकरनाग के किश्तवाड़ रेंज में अत्यंत प्रतिकूल मौसम की मार झेलते हुए अथक आतंकवाद विरोधी अभियानों में लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता है. उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा. चिनार वॉरियर्स, इन वीरों के शौर्य और बलिदान को सलाम करता है. हम शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.”
#IndianArmy Operation Update
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) October 8, 2025
On the intervening night of 6/7 Oct an operational team on Kishtwar range confronted a severe snow storm and white out conditions in the mountains of South Kashmir. Since then, two soldiers have gone out of communication. Intense Search and Rescue…
अभियान के दौरान लापता हो गए थे कमांडो
तीन दिन पहले भीषण बर्फीले तूफान के बीच चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान में दोनों पैरा कमांडो लापता हो गए थे. संपर्क टूटने के तुरंत बाद सेना ने व्यापक तलाशी और बचाव अभियान शुरू किया, जिसके तहत पहले एक जवान का शव बरामद हुआ था और अब दूसरे का भी शव मिल गया है.
पश्चिम बंगाल के निवासी थे दोनों कमांडो
दोनों जवान कोकरनाग की बर्फीली चोटियों पर चल रहे एक विशेष अभियान दल का हिस्सा थे. दुर्गम इलाके और कड़ाके की ठंड के बावजूद सेना ने तलाशी अभियान को अंजाम दिया. दोनों कमांडो 5 पैरा यूनिट से थे और पश्चिम बंगाल के निवासी थे.
हम शोक संतप्त परिवारों के साथ: सेना
शनिवार को श्रीनगर में सेना की ओर से इन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह राज्य भेजा जाएगा. सेना ने कहा है कि वह शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है और उनके कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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