जम्मू-कश्मीर : NIA ने CRPF के लेथपोरा कैंप पर हमले के साजिशकर्ता आतंकियों की संपत्ति अटैच की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादी ग्रुपों के तीन कथित ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं की अचल संपत्तियां कुर्क कीं

जम्मू-कश्मीर : NIA ने CRPF के लेथपोरा कैंप पर हमले के साजिशकर्ता आतंकियों की संपत्ति अटैच की

एनआईए ने आतंकियों की संपत्तियां अटैच करने की कार्रवाई की.

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की आधा दर्जन संपत्तियों को कुर्क (Attached) किया. कुर्क की गई संपत्तियां कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और कुपवाड़ा जिलों में स्थित हैं. एनआईए के अनुसार आतंकवादी समूहों के तीन कथित ओवरग्राउंड (OGW) कार्यकर्ताओं की अचल संपत्तियां अटैच की गईं. दौलत अली मुगल (हिजबुल मुजाहिदीन), इशाक पाला (एचएम/अल-बद्र) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के फयाज अहमद मगरे की संपत्तियां कुर्क की गई हैं.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा,"एनआईए ने 2017 में जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के मास्टरमाइंड फैयाज अहमद मगरे की संपत्ति कुर्क की गई है." उनके अनुसार यूएपीए अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत विशेष एनआईए कोर्ट जम्मू के आदेश पर एनआईए ने उक्त आतंकवादी की छह दुकानें कुर्क की हैं.

एनआईए ने इस हमले के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा गांव के निवासी फैयाज अहमद मगरे को गिरफ्तार किया था.

एनआईए ने अगस्त 2019 में इस मामले में चार आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. जैश-ए-मोहम्मद के इन आतंकियों की पहचान फैयाज अहमद मगरे, निसार अहमद तांतरे, सैयद हिलाल अंद्राबी और इरशाद अहमद रेशी के रूप में की गई थी. इन्होंने आतंकवादियों को योजना बनाने में मदद की थी. आतंकियों ने 2017 में जम्मू-कश्मीर के लेथपोरा में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमले को अंजाम दिया था.

एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, फैयाज अहमद मगरे ने जैश कमांडर मुफ्ती वकास के माध्यम से हथियारों की व्यवस्था करके एक अन्य आतंकवादी मुदासिर अहमद खान को सक्रिय आतंकवादी के रूप में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी रैंक में शामिल होने में मदद की थी. उसने उसका साथ दिया था और भागते समय पुलिस चौकियों को पार करने में उसकी मदद भी की थी.

भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शरीफउद्दीन गनाई, तुफैल अहमद, राजेंद्र नैन, कुलदीप राय और पीके पांडा शहीद हो गए थे.दस घंटे तक चली इस मुठभेड़ में तीन अन्य जवान घायल हो गए थे.

कैंप पर 30 दिसंबर, 2017 को हमला किया गया था.तीन आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की 185 बटालियन के प्रशिक्षण केंद्र पर ग्रेनेड फेंके थे और गोलियां चलाई थीं. इस हमले में शामिल तीन आतंकवादी मारे गए थे. इनमें हमले से कुछ महीने पहले संगठन में शामिल हुआ एक पुलिसकर्मी का 16 वर्षीय बेटा भी शामिल था. 

कुपवाड़ा के मनीगाह गांव में आतंकी दौलत अली मुगल की संपत्तियां, कश्मीर के शोपियां के हरमन तहसील के अलोरा गांव के इशाक पाला को संपत्तियां कुर्क की गई हैं. पाला फिलहाल आगरा की सेंट्रल जेल में बंद है और मुगल जमानत पर बाहर है. पाला और मुगल के खिलाफ 22 फरवरी, 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी.

पाला ने मुगल और रियाज नाइकू के साथ श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद होने के दौरान साजिश रची थी. उन्होंने दानिश गुलाम लोन और सुहैल अहमद भट को कुपवाड़ा सेक्टर से सीमा पार करने, आतंकी संगठन में शामिल होने में मदद की थी. 

एनआईए ने फरवरी 2018 में जांच शुरू की थी और इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. मुगल, पाला, लोन, बट और फ़िरोज़ अहमद लोन सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य साजिशकर्ता रियाज़ अहमद नाइकू मुठभेड़ में मारा गया था.

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