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This Article is From Jan 21, 2017

जल्लीकट्टू : केंद्र से मिली अध्यादेश को हरी झंडी, राष्ट्रपति के पास भेजा गया

जल्लीकट्टू : केंद्र से मिली अध्यादेश को हरी झंडी, राष्ट्रपति के पास भेजा गया
जल्लीकट्टू पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में रोक लगा दी थी.
चेन्नई-नई दिल्ली: तमिलनाडु में बंद से जनजीवन ठहर जाने के बीच केंद्र सरकार ने जल्लीकट्टू का आयोजन जल्द सुनिश्चित करने को लेकर राज्य के अध्यादेश मंजूरी दे दी. इस तरह तमिलनाडु में जल्लीकट्टू मनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. इससे पहले, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार के मसौदा अध्यादेश को थोड़े-बहुत बदलाव के बाद मंजूरी दी थी. बाद में मसौदा अध्यादेश को वापस केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा गया था जहां मंत्रालय ने उसे मंजूरी दे दी.

जल्लीकट्टू पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में रोक लगा दी थी. इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में नई दिल्ली में मुलाकात की थी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजेगा, जिनकी मंजूरी के बाद उसे तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव के पास भेज दिया जाएगा. राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही अध्यादेश लागू हो जाएगा और राज्य में जल्लीकट्टू का आयोजन कराया जा सकेगा.

इस बीच, मरीना बीच और अन्य स्थानों पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस खेल का आयोजन नहीं होने तक झुकने से इनकार कर दिया है. राज्य में पांचवें दिन भी छात्रों, युवाओं और अन्य तबके के लोगों का प्रदर्शन जारी रहने के समाचार हैं. वे लोग सांड़ों पर काबू पाने के इस खेल का फौरन अलंगनल्लूर और अन्य स्थानों पर आयोजन होने देने की मांग कर रहे हैं. यह स्थान जल्लीकट्टू का केंद्र है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे इस खेल के आयोजन की इजाजत के लिए एक अध्यादेश लागू किए जाने की कोशिशों का स्वागत करते हैं लेकिन वे लोग कार्यक्रम के होने तक आंदोलन वापस नहीं लेंगे. 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने आश्वासन दिया था कि जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं और कुछ दिनों बाद इसका आयोजन होगा. मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बावजूद युवाओं ने अपना प्रदर्शन जारी रखा है.

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