दुनिया की मशहूर कंपनी आईटीसी 24 क्रायोजेनिक कंटेनर लेकर भारत आएगी ताकि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद की जा सके.ये आईएसओ सर्टिफाइड टैंक जर्मनी की निजी कंपनी लिंडे के सहयोग के जरिये पड़ोसी एशियाई देशों से भारत लाए जाएंगे.आईटीसी (ITC) लिमिटेड ने शनिवार दोपहर को ट्वीट कर बताया कि दो दर्जन क्रायोजेनिक ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट टैंक (cryogenic oxygen transport tanks) विमानों के जरिये भारत लाए जाएंगे. इन्हें ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों से जोड़ा जाएगा, ताकि ऑक्सीजन को एक समय में ज्यादा मात्रा में मंजिल तक पहुंचाया जा सके.
"हम उस व्यक्ति को लटका देंगे" : ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित करने को लेकर हाईकोर्ट का जवाब
To serve the national priority & Government's effort in easing bottleneck of #medicaloxygen supply to hospitals, ITC is airfreighting 24 cryogenic ISO containers from Asian countries in collaboration with Linde India Ltd (1/2)@PMOIndia @nsitharaman @PiyushGoyal @AmitShah pic.twitter.com/C3wkwPY0bx
— ITC Limited (@ITCCorpCom) April 24, 2021
इससे ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र से अस्पतालों तक तेजी से मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygen)पहुंचाई जा सकेगी और अस्पतालों में ऑक्सीजन पाने के लिए कराह रहे गंभीर मरीजों को संजीवनी मिलेगी. आईटीसी ने कहा, राष्ट्रीय प्राथमिकता के आधार पर सेवा करना और मेडिकल ऑक्सीजन की अस्पतालों तक सप्लाई में बने गतिरोध को दूर करने में सरकार की मदद करना हमारा उद्देश्य है. आईटीसी इसके लिए पड़ोसी देशों से 24 क्रायोजेनिक टैंकर हवाई मार्ग के जरिये भारत लाने की तैयारी कर रही है. कंपनी का कहना है कि वह बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर भी विमानों के जरिये भारत ला रही है.
अमृतसर के नीलकंठ अस्पताल में 6 मरीजों की मौत, परिजनों का आरोप- ऑक्सीजन खत्म हो गई थी
1/3 @germanyinindia and German government are following the Covid 19 pandemic in India with deep sympathy and concern. India is our strategic partner, and we share a strong conviction that the challenges of this global crisis can only be met through international cooperation.
— German Embassy India (@GermanyinIndia) April 23, 2021
जर्मन दूतावास ने भी इस सूचना की पुष्टि की है.कंपनी तेलंगाना के भद्राचलम में उसकी पेपर प्रोडक्शन संयंत्र से ऑक्सीजन का उत्पादन करने के साथ उसे समीपवर्ती अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने कथित तौर पर वायुसेना के विमानों को भी इस अभियान में मदद के लिए लगाया है. वायुसेना (Indian Air Force) के विमान ऑक्सीजन के खाली टैंकरों को लेकर उत्पादन संयंत्रों तक पहुंचा रही है, जिससे उन्हें जल्दी भरा जा सके. इससे पहले टाटा समूह ने भी इसी हफ्ते ऐसी ही घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर कंपनी की प्रशंसा भी की थी.
गौरतलब है कि सरकार देश में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामलों के बीच ऑक्सीजन, कोविड बेड और दवाओं की कमी को लेकर आलोचना का सामना कर रही है. रक्षा मंत्रालय भी 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट (mobile oxygen generating plants)को विमानों के जरिये भारत लाने में जुटा है. इन सभी प्लांट को आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस (AFMS) के अस्पतालों में लगाया जाएगा.
इनमें से प्रत्येक जनरेटर प्रति मिनट 40 लीटर और एक घंटे में 2400 लीटर मेडिकल ऑक्सीजन उत्पन्न कर सकते हैं. गौरतलब है राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र समेत देश के की हिस्सों के अस्पताल मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने के मामले में लगातार सुनवाई कर रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं