क्या भारत-चीन सीमा विवाद सुलझने की राह पर? जानें- क्या हैं बीजिंग में हुई आमने-सामने की वार्ता के मायने

भारत-चीन सीमा विवाद : अगस्त 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच WMCC की बैठक आमने-सामने हुई

नई दिल्ली :

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर 26वें दौर की बातचीत हुई. विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया विभाग के संयुक्त सचिव शिरपां अम्बुले भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बीजिंग पहुंचे. चीन के समकक्ष अधिकारी और सीमा मामलों के निदेशक होम लियान के साथ बातचीत की. अम्बुले चीन के साथ डील करने वाले विदेश मंत्रालय के सबसे बड़े अधिकारी हैं.  

अगस्त 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के बाद यह पहली बार है  जब WMCC की बैठक आमने-सामने हुई है. 

विदेशी मामलों के जानकार उदय भास्कर ने कहा कि, इस बैठक से हम यह निष्कर्ष जरूर निकाल सकते हैं कि, हालांकि भारत-चीन के बीच ब्रेक-थ्रू तो नहीं हुआ है परंतु ब्रेक-डाउन भी नहीं हुआ है. और वह अपने आप में काफी अहम है.

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस बैठक में दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात की समीक्षा की. जिन जगहों से सैनिकों की वापसी रह गई है वहां से उनकी वापसी को लेकर बात हुई, ताकि सीमा पर शांति और पहले वाली स्थिति को बहाल किया जा सके. यह दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए जरूरी है. 

दोनों देशों में इस बात की भी सहमति बनी कि सैन्य कमांडरों के बीच 18वें दौर की बातचीत जल्द हो. उदय भास्कर ने कहा कि, अगर चीन और भारत इस वक्त शांति चाहते हैं तो मिलिट्री कमांडरों के बीच बातचीत काफी सकरात्मक है, क्योंकि भारत के लिए यह साल काफी अहम है. जी20 की प्रेसीडेंसी भारत के पास है. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अगस्त 2020 में टकराव हुआ था. उसके बाद से लगातार इस बात की कोशिश की जा रही है कि दोनों देशों के बीच पहले हो चुके समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति और यथास्थिति बरकरार की जाए. इससे पहले डब्लूएमसीसी की आमने-सामने की 14वीं बैठक जुलाई 2019 में हुई थी. इसके बाद की 11 बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुईं.

अन्य खबरें