कहीं AI से आपकी नौकरी को भी तो नहीं खतरा? कंपनियां छंटनी करने की तैयारी में : सर्वे

सर्वे में नौ देशों के 18 उद्योगों के अधिकारियों को शामिल किया गया, जिसमें पिछले विश्व आर्थिक मंच के सर्वे की तुलना में अधिक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है, जहां आधी कंपनियों का मानना है कि एआई नई नौकरियां पैदा करेगा, उन्हें खत्म नहीं करेगा. 

कहीं AI से आपकी नौकरी को भी तो नहीं खतरा? कंपनियां छंटनी करने की तैयारी में : सर्वे

यह एआई विषय में सबसे बड़े सर्वे में से एक है.

स्टाफिंग फर्म एडेको ग्रुप के एक नए सर्वेक्षण से पता चलता है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की लहर आ रही है, दुनिया भर में बड़ी कंपनियों के 41% अधिकारी अगले पांच वर्षों के अंदर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण अपने कार्यबल को कम कर सकती हैं. यह सर्वे जेनेरिक एआई के बढ़ते उपयोग और स्वीकार्यता के बीच आया है, जो रियलिस्टिक टेक्स्ट, तस्वीर और वीडियो बनाने में सक्षम है. कुछ लोगों का मानना है कि इससे दोहराए जाने वाले काम खत्म हो जाएंगे और इसके लिए यह अच्छा टूल है तो वहीं अन्यों को डर है कि इससे लोगों की नौकरियों को खतरा हो सकता है. 

एडेको के सीईओ डेनिस माचुएल ने रॉयटर्स को बताया, "लगभग सभी नौकरियां किसी न किसी तरह से एआई से प्रभावित होने वाली हैं." एआई एक नौकरी नाशक हो सकता है, और यह एक नौकरी निर्माता भी हो सकता है. उन्होंने कहा, "10 साल पहले लोगों को डर था कि डिजिटल चीजों के आने के कारण लोगों की नौकरी जा सकती है लेकिन असल में डिजिटल वर्ल्ड ने नौकरियों को बढ़ावा दिया है. ऐसे में एआई द्वारा जॉब निर्माण और विनाश के बीच हमारा मानना है कि एक बैलेंस बना रहेगा."

सर्वे में नौ देशों के 18 उद्योगों के अधिकारियों को शामिल किया गया, जिसमें व्हाइट-कॉलर और ब्लू-कॉलर दोनों तरह की नौकरियां शामिल थीं. यह पिछले विश्व आर्थिक मंच के सर्वे की तुलना में अधिक चिंताजनक तस्वीर पेश करता है, जहां आधी कंपनियों का मानना है कि एआई नई नौकरियां पैदा करेगा, उन्हें खत्म नहीं करेगा. 

हाल ही में तकनीकी उद्योग में हुई छंटनी से इन चिंताओं को बल मिलता है. गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई चैटबॉट्स की ओर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे नौकरियों में कटौती हो रही है. यहां तक कि ड्रॉपबॉक्स और डुओलिंगो जैसी बाहरी तकनीकी कंपनियों ने भी आकार घटाने के लिए एआई को कारण बताया है. 

गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने पहले चेतावनी दी थी कि जेनरेटिव एआई वैश्विक स्तर पर 300 मिलियन नौकरियों को खत्म कर सकता है या महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जिसमें व्हाइट-कॉलर वर्कर्स सबसे अधिक असुरक्षित होंगे. एडेको सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह भविष्यवाणी अगले पांच वर्षों में वास्तविकता बन सकती है.

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